चैत्र नवरात्री षष्ठमी आज, ऐसे करें माँ कात्यायनी की पूजा- अर्चना, जानिए देवी की पौराणिक कथा
चैत्र नवरात्री के षष्ठमी के दिन दुर्गा माँ के कात्यायनी स्वरुप की पूजा की जाती है। आज 7 अप्रैल को चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि और गुरुवार का दिन है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन माता कात्यायनी की पूजा अर्चना करने से हर मनोकामना पूरी होती है। बता दें की कन्याओं के शीघ्र विवाह के लिए इनकी पूजा अद्भुत मानी जाती है। माता रानी का यह स्वरुप अत्यंत ही दिव्या है, इसका रंग सोने के समान चमकीला है।
पूजा का शुभ समय : षष्ठमी के दिन माँ की पूजन के लिया शुभ समय आज सुबह 6:05 से शुरू होकर श्याम के 6:42 तक रहेगा। माता की पूजन के लिए पीले रंग के वस्त्र धारण करें, धूप-दीप नारियल प्रसाद और शहद के साथ माँ को भोग लगाए। माता को शहद अर्पित करना शुभ माना जाता है। इसके बाद माँ कात्यायनी का ध्यान करते हुए उन्हें पीले रंग के फुल अर्पित करें।
माता कात्यायनी की कहानी
कुछ ग्रंथों में यह उल्लेख किया गया है कि कात्य गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन ने माँ भगवती की उपासना और कठिन तपस्या की थी। उनकी इच्छा थी कि उन्हें एक देवी स्वरुप पुत्री प्राप्त हो। जिसके बाद मां भगवती ने उनके घर एक पुत्री के रूप में जन्म लिया। इसलिए यह देवी कात्यायनी कहलाईं। पौराणिक कथा के अनुसार मां कात्यायनी ने महिषासुर, शुम्भ और निशुम्भ का वध कर नौ ग्रहों को उनकी कैद से छुड़ाया था।