Friday, April 26, 2024
उत्तराखंड

उत्तराखण्ड की महिलाओं को बड़ा झटका, हाईकोर्ट ने सरकारी सेवाओं में 30 फीसदी के क्षेतिज आरक्षण पर लगाई रोक

नैनीताल- नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य लोक सेवा आयोग की उत्तराखंड सम्मिलित सेवा, प्रवर सेवा के पदों के लिए आयोजित परीक्षा में उत्तराखंड मूल की महिला अभ्यर्थियों को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के 2006 के शासनादेश पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को आयोग की मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति देने को कहा है। कोर्ट के आदेश के बाद अब सरकार इस रोक को हटाने के लिए कानूनी रास्ते तलाशने को मंथन में जुट गई है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरएस खुल्बे की खंडपीठ में हरियाणा की पवित्रा चौहान समेत अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें आयोग की अक्टूबर में तय मुख्य परीक्षा में बैठने की अंतरिम अनुमति मांगी। याचिकर्ताओं के अनुसार उच्च विभिन्न विभागों के दो सौ से अधिक पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा का 26 मई 2022 को परिणाम आया। परीक्षा में अनारक्षित श्रेणी की दो कट आफ लिस्ट निकाली गई। उत्तराखंड मूल की महिला अभ्यर्थियों की कट आफ 79 थी, जबकि याचिकाकर्ता महिलाओं का कहना था कि उनके अंक 79 से अधिक थे, मगर उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया।

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