उत्तराखंड में 411 और जोशीमठ, मौत के मुहाने पर खड़े हैं ये गांव
भूगर्भीय हलचल के चलते धंस रहे जोशीमठ की तरह ही उत्तराखंड के सैंकड़ो गांव मौत के मुहाने पर खड़े हैं। आपदा के तहत अति संवदेनशील इन गांवों की संख्या 411 पहुंच चुकी है। यानी इन 411 गांवों को भी जोशीमठ की तरह ही विस्थापित किया जाना है। 2011 में पुनर्वास नीति लाई गई इसके तहत अब तक केवल 88 गांवों के 1496 परिवारों का ही पुनर्वास हो पाया है। बाकी बचे हुये गांवों को आज भी विस्थापन का इंतजार है। ये बात अलग है कि जोशीमठ की तरह इन गांवों में अभी बड़ी-बड़ी दरारें नहीं आई हैं, या ये कहा जाए कि जोशीमठ की तरह प्रकृति ने तबाही से पहले संकते नहीं दिये हैं मगर ये गांव मौत के मुहाने पर जरूर खड़े हैं। चलिये अब आपको बतातें हैं कि राज्य के किसी जिले में कितने जोशीमठ मौजूद हैं जो किसी भी वक्त जमींदोज हो सकते हैं-
पिथौरागढ़ के 129 गांव डेंजर जोन में मौजूद हैं,
उत्तरकाशी में 62
चमोली में 61
बागेश्वर में 58
टिहरी में 33
पौड़ी में 26
रुद्रप्रयाग में 14
चंपावत में 10
अल्मोड़ा में 09
नैनीताल में 06
देहरादून में 02 और
ऊधमसिंहनगर का 01 गांव दैवीय अपदा के लिये बेहद संवेदनशील है, ऐसे में अब केवल जोशीमठ नहीं बल्कि इन तमाम गांवों को भी विस्थापित करने की मांग उठने लगी है।