महिला थानों और हेल्प डेस्क की कार्यकुशलता पर सेमिनार
महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध और कानूनी मदद का मसला उत्तराखंड में चुनौती बना हुआ है। अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद राज्य में इस बात को लेकर चर्चा होने लगी है कि क्या महिला सुरक्षा को लेकर इंतजाम काफी हैं या उन्हें और मजबूत करने की आवश्यकता है। इस गंभीर मुद्दे पर आज उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने महिला पुलिस अधिकारियों और महिला पुलिसकर्मियों के साथ बैठकर एक सेमिनार का आयोजन किया। देहरादून के पुलिस लाइन में आयोजित इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने हिस्सा लिया। सेमिनार में इस बात को लेकर विस्तार से चर्चा की गई कि राज्य में संचालित महिला थाने क्या सही रूप में कार्य कर पा रहे हैं। क्या पीड़ित महिलाओं को महिला थानों और महिला हेल्प डेस्क से समय पर कानूनी मदद मिल पा रही है।
जिलों में महिला थानों की कमी है और अमूमन देखा जाता है कि महिला जब किसी थाने में जाती है तो उसकी पीड़ा को गंभीरता से नहीं लिया जाता। यही वजह से कि ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में महिला अपराध को सहन करती रहती हैं, उन्हें पुलिस तक जाने में संकोच रहता है। लिहाजा अब राज्य में महिला थानों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।