अब अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए कोरोना संक्रमण का टेस्ट जरुरी नहीं होगा … इसको लेकर केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं, जिसके तहत अस्पतालों में मरीजों को भर्ती कराने की राष्ट्रीय नीति में संशोधन किया गया है।जहाँ अब तक अस्पतालों में भर्ती होने के लिए कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट अनिवार्य होती थी, वहीँ अब नए बदलाव के तहत, रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। बता दें की पहले रिपोर्ट के चक्कर में मरीजों को काफी परेशान होना पड़ता था और कई मरीजों ने तो अपनी जान भी गवा दी थी। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की गयी ये नई गाइडलाइंस से मरीज़ों को राहत मिलेगी … वहीँ गौर करने वाली बात है की जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार की नई नीति के तहत संदिग्ध मरीजों को सस्पेक्टेड वॉर्ड में भर्ती किया जाएगा। ये वॉर्ड कोविड केयर सेंटर, पूर्ण समर्पित कोविड केयर सेंटर और कोविड अस्पतालों में भी बनाए जाएंगे। यही नहीं, नई पॉलिसी में यह भी साफ किया गया है कि मरीजों को उनके राज्य के आधार पर भी इलाज देने से इनकार नहीं किया जा सकता।
साथ ही, स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन लोगों के लिए भी नियम जारी किया है, जिनके पास कोई भी पहचान पत्र नहीं है और वे टीकाकरण कराना चाहते हैं। ऐसे लोगों को कोविन ऐप में पंजीकृत किया जाएगा। उनके टीकाकरण के लिए विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे… वहीँ, इन लोगों की पहचान करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आइसोलेशन के लिए भी नए निर्देश दिए हैं. .. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, होम आइसोलेशन में 10 दिनों तक रहने और लगातार तीन दिनों तक बुखार न आने की स्थिति में मरीज होम आइसोलेशन से बाहर आ सकते हैं। उस समय टेस्टिंग की जरूरत नहीं होगी। नई गाइडलाइंस के मुताबिक, स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा मरीज की स्थिति को हल्का या बिना लक्षण वाला केस तय किया जाना चाहिए। ऐसे मामले में मरीज के सेल्फ आइसोलेशन की उनके घर पर व्यवस्था होनी चाहिए। ऐसे मरीज जिस कमरे में रहते हों, उसका ऑक्सीजन सैचुरेशन भी 94 फीसदी से ज्यादा होना चाहिए। उसमें वेंटिलेशन की भी बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए।