अमीर भारतीय मुस्लिमों की पहली पसंद बना तुर्की, निवेश के जरिये नागरिकता हासिल करने की मची होड़
इन दिनों अमीर भारतीय मुस्लिम यूरोप के तुर्की जैसे आधुनिक मुस्लिम देश में रहने या नागरिकता हासिल करने की कोशिश में लगे हुए हैं। वॉट्सऐप और टेलीग्राम ग्रुप पर लोगों के बीच तुर्की में निवेश के ज़रिये नागरिकता पाने पर जमकर चर्चा हो रही है। अमीर भारतीय मुस्लिम तुर्की में 4 लाख अमेरिकी डॉलर का निवेश कर नागरिकता हासिल करने के जुगाड़ में लगे हुये हैं। जबकि बड़ी संख्या में भारतीय वहां निवेश कर भी चुके हैं।
चलिये आपको बताते हैं कि आखिर तुर्की में क्यों लोगों के बीच निवेश करने की होड़ मची है। दरअसल तुर्की में कोई भी विदेशी जो कम से कम 4 लाख डॉलर यानी करीब 3.11 करोड़ निवेश करता है तो वो तुर्की की नागरिकता पा सकता है।
पहले कानूनन ये पात्रता 2.50 लाख डॉलर की थी जो अब बढ़ा दी गई है। नागरिकता के लिए तुर्की के बैंक में पैसा जमा कराना होगा और तीन साल तक प्रॉपर्टी बेची नहीं जा सकती। ऐसे विदेशी जो ये शर्तें मान लेते हैं उन्हें अपनी पत्नी और 18 साल से कम के बच्चों के लिए तुर्की का पासपोर्ट मिल जाएगा। तुर्की सरकार की कोशिश है कि विदेशियों द्वारा यहां प्रॉपर्टी खरीदना, तुर्की के चालू खाते के घाटे को कम करने और रियल एस्टेट क्षेत्र और निर्माण कंपनियों के लिए एक उम्मीद की किरण बन सकता है।
इतना ही उसे तुर्की सरकार तत्काल पास्पोर्ट देती है, बीजा मिल जाता है जिसे यूरोप के दर्जनों दशों में जाया जा सकता है। मुफ्त शिक्षा से लेकर इलाज तक की सुविधा भी है। भारत से तुर्की में निवेश करने वालों में सबसे ज्यादा अमीर मुस्लिम हैं। इनमें नई दिल्ली, मेऱठ, लखनऊ, हैदराबाद, मुंबई, बेंगलुरु और तिरुवनंतपुरम के अमीर मुस्लिम सबसे ज्यादा हैं।