भैया दूज पर बंद होंगे केदारनाथ के कपाट, आखिर क्यों इसी दिन बंद की जाती है यात्रा
विजयदशमी के पर्व पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद का समय तय कर दिया गया था। जिसके अनुसार गंगोत्री धाम के कपाट बुधवार यानी आज दोपहर 9अन्नकूट पर्व पर 12:01 पर शीतकाल के लिए अभिजीत मुहूर्त में बंद होंगे। वहीं दूसरी ओर यमुनोत्री धाम और केदारनाथ धाम के कपाट कल 27 अक्टूबर को भैयादूज के दिन शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। वहीं गौरीकुंड स्थित मां गौरा माई के कपाट भी इसी दिन शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद करने को लेकर मंदिर समिति ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। हर वर्ष भैया दूज पर ही बाबा केदार की यात्रा पर छह माह के लिए विराम लगता है। ऐसा क्यों होता है इसके पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक युद्ध के बाद पांडवों ने अपने पित्रों का कर्मकांड किया और भैयादूज के दिन उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति हुई। इसलिये धाम के कपाट बंद भी भाईदूज के मौके पर किये जाते हैं। धाम के कपाट बंद होने पर भगवान केदारनाथ को चल विग्रह डोली ऊखीमठ ले जाया जाता है और वहां ओंकारेश्वर मंदिर में अगले छह माह तक बाबा केदार की पूजा की जाती है। एक कारण यह भी है कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भैया दूज से शीतकाल की शुरुआत मानी जाती है और विधिविधान से बाबा केदार के कपाट बंद किए जाते हैं। वहीं कपाट खुलने का दिन हर वर्ष शिवरात्रि पर तय किया जाता है।