विधानसभा बैक डोर भर्ती मामले में संघ की बड़ी कार्यवाई, उत्तराखण्ड से हटाये गये प्रचारक युद्धवीर सिंह
विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों के मामले में भलेही नैनीताल हाईकोर्ट ने स्टे दिया हो लेकर आरएसएस ने इस मामले में अपनी कार्यवाई शुरू कर दी है। संघ और भाजपा के रणनीतिकारों ने उत्तराखंड में राजनीतिक फेरबदल की कवायद शुरू कर दी है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने उत्तराखंड के भर्ती प्रकरण में चर्चित हुए संघ प्रान्त प्रचारक युद्धवीर सिंह से उत्तराखंड की जिम्मेदारी हटा ली है। तीन दिन से इलाहाबाद में जारी राष्ट्रीय स्वंय संघ की अखिलभारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगाई गई है। अब युद्धवीर यादव को पूर्वी क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है। युद्धवीर कई साल से उत्तराखंड में संघ की गतिविधियों का संचालन कर रहे थे। और भाजपा और संघ में विशेष हैसियत रखते रहे। इसके अलावा, सह प्रांत प्रचारक देवेंद्र से भी उनकी जिम्मेदारी देते हुए उत्तराखंड से मुक्त कर दिया गया है।
आपको बता दें कि संघ प्रचारक युद्धवीर का नाम उत्तराखंड के भर्ती घोटाले में तेजी से उछला था। इस संबंध में एक सूची भी वॉयरल हुई थी जिसमें उनके करीबियों की उत्तराखंड के विभिन्न विभागों में नौकरी लगने की बात कही गयी थी। संघ के पदाधिकारियों ने तत्काल सीएम को पत्र सौंप मामले की जांच की मांग भी की थी। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद संघ और भाजपा नेतृत्व के कान खड़े हो गये। दरअसल, विधानसभा भर्ती घोटाले में संघ, भाजपा संगठन और सरकार से जुड़े मंत्रियों, नेताओं और दूसरे प्रमुख लोगों के नाम सामने आने के बाद पार्टी को भारी फजीहत झेलनी पड़ी है। हालांकि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल वो शख्स हैं जिनकी कलम से विधानसभा में चहेतों को नौकरी मिली है अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या भाजपा संगठन मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को भी कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखायेगा या उन्हें अभय दान दे दिया जाएगा।