24 साल बाद गद्दी से हटा गांधी परिवार, मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बने
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव का नतीजा आ गया है, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे ने जीत हासिल की है। उन्हें कुल 7,897 वोट मिले हैं। इसके अलावा शशि थरूर को भी 1,000 से ज्यादा वोट मिले हैं। थरूर ने अपनी हार को स्वीकार कर लिया है। मल्लिकार्जुन खड़गे को लेकर माना जा रहा था कि उन्हें पार्टी हाईकमान की ओर से भी समर्थन मिला है। यही वजह है कि ज्यादातर अन्य नेताओं का समर्थन भी उन्हें ही मिला है। मल्लिकार्जुन खड़गे को गांधी परिवार के वफादार नेताओं में शुमार किया जाता है। कांग्रेस को 24 साल बाद आज पहला गैर-गांधी अध्यक्ष मिल गया है। मल्लिकार्जुन खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष चुना जाना पार्टी में बड़े बदलाव की शुरुआत माना जा रहा है। उनके अध्यक्ष बनने के साथ ही गांधी परिवार बैकसीट पर पहुंच गया है, जो लगातार 24 सालों से कांग्रेस अध्यक्ष था। 1998 से अब तक सोनिया गांधी ही कांग्रेस अध्यक्ष थीं, जबकि बीच में दो साल के लिए 2017 से 2019 के दौरान राहुल गांधी ने ये पद संभाला था। लोकसभा चुुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने पद से इस्तीफा दे दिया था। यही नहीं उन्होंने तब ये भी साफ कर दिया था कि अब गांधी परिवार से कोई अध्यक्ष नहीं होगा। अंत तक वो इस जिद पर अड़े रहे और फिर चुनाव हुआ, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे को चुना गया है।
कांग्रेस पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ है। अध्यक्ष पद के लिए अब तक 1939, 1950, 1977, 1997 और 2000 में चुनाव हुए हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस पार्टी के खांटी नेता हैं और कर्नाटक से सांसद है। लोकसभा और राज्यसभा के मेंबर है। भारत सरकार में पूर्व रेल मंत्री और श्रम और रोजगार मंत्री रह चुके खड़गे ने वकालत की पढ़ाई की। खड़गे 2009-2019 के दौरान कर्नाटक के गुलबर्गा क्षेत्र से सांसद थे। खडगे संसद में हुई कई बहसों में हिस्सा ले चुके हैं। कर्नाटक में पले-बढ़े खड़गे ने वकालत की पढाई की, मजदूर संघ के लोगों के लिए कई मुकदमे लड़े। पहले छात्र नेता बनकर उभरे और फिर कांग्रेस पार्टी में अपनी जगह बना ली।