एक कर्ज जिसके चलते बिक गया एनडीटीवी, अब अडानी ग्रुप से कानूनी लड़ाई की तैयारी
बीते कुछ दिनों से खबरों और सोशल मीडिया में जबर्दस्त चर्चा है कि अडानी ग्रुप ने एनडीटीवी को खरीद लिया है। दरअसल ये पूरी तरह से टेकओवर नहीं है बल्कि एशिया के सबसे रईस शख्स गौतम अडानी के नियंत्रण वाले अडानी ग्रुप ने मीडिया कंपनी एनडीटीवी में अप्रत्यक्ष रूप से 29.18 फ़ीसदी हिस्सा ख़रीद लिया है। हालांकि इसमें भी अभी कई पेंच फंसे हुये हैं। क्योंकि एनडीटीवी प्रबंधन ने अडानी समूह के इस क़दम पर हैरानी जताई है और कहा है कि उसे इस डील के बारे में कुछ भी पता नहीं था।
अब आपको पूरा मामला बताते हैं आखिर समला है क्या-
दरअसल अडानी ग्रुप के पास एनडीटीवी की हिस्सेदारी आने के पीछे एक बकाया कर्ज है। ये कर्ज एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय ने 2009-10 में मुकेश अंबानी से जुड़ी कंपनी से लिया था। विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड ने एनडीटीवी की प्रवर्तक कंपनी आरआर पीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड को 403.85 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। इस ब्याज मुक्त कर्ज के बदले आरआर पीआर ने वीसी पीएल को वॉरंट जारी किए। इस वॉरंट के अनुसार, अगर कंपनी भुगतान नहीं कर सकी, तो ऐसी स्थिति में कर्जदाता को आरआरपीआर में 99.9 फीसदी हिस्सेदारी लेने का अधिकार होगा। वीसीपीएल का स्वामित्व 2012 में बदल गया। अडाणी समूह की फर्म ने पहले वीसीपीएल का अधिग्रहण किया और फिर बकाया ऋण को मीडिया कंपनी में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी में बदलने के विकल्प का प्रयोग किया। इसके बाद अडाणी समूह ने देश के अधिग्रहण मानदंडों के अनुरूप जनता से अतिरिक्त 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 493 करोड़ रुपये की खुली पेशकश की। जानकार मानते हैं कि अडाणी समूह की ओर से इस अंदाज में एनडीटीवी की हिस्सेदारी खरीदना एक तरह से होस्टाइल टेकओवर की कोशिश है, यानी जबरन कब्जे जैसी स्थिति है।
तो अब आगे क्या होगा क्या एनडीटीवी पर हो जाएगा अडानी का अधिकार-
जी नहीं….. एनडीटीवी के पास अभी ये अधिकार है कि वो अपने कंपनी एक्ट के विभिन्न प्रावधानों के तहत अपने अधिकारों की रक्षा के लिए हाई कोर्ट या कंपनी लॉ बोर्ड या दोनों में अपील कर सकता है। एनडीटीवी और इस ग्रुप की दूसरी कंपनियां कंपनी लॉ बोर्ड और सेबी में जाकर भी इस टेकओवर को चुनौती दी सकती हैं। लिहाजा एनडीटीवी पर अडानी का अधिकार होने न होने को लेकर कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा।