मेरठ से बड़ी ही दिलचस्प खबर आयी है …. जब भारत सरकार चाइनीज ऍप को बंद कर रही है ऐसे में योगी राज में मेरठ के बाजार में चाइनीज़ ऐप बेचा और खरीदा जा रहा है कमाल तो ये है कि ये तथाकथित लॉकेट नेताओं से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं के गले की शोभा बढ़ा रहा है।
जय भारत टीवी के मेरठ के वरिष्ठ संवाददाता सरफ़राज़ अहमद ने इस लॉकेट की असलियत की पड़ताल की तो पाया कि बीते दो महीनों से जिले की मेडिसिन शॉप पर बिकने वाला एंटी कोरोना लॉकेट इन दिनों शहर के लोगों की पसंद बना हुआ है। हांलाकि मेरठ के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ऐसे किसी भी लॉकेट से कोरोना के खात्मे या बचाव की बात को सिरे से खारिज कर दिया है।
जय भारत टीवी की पड़ताल में ये बात सामने भी आयी है कि पिछले कुछ समय से जिले में दवाओं के थोक बाजार खैर नगर में एंटी कोरोना लॉकेट खरीदने के लिए लोगों की भीड़ भी उमड़ रही है।
इस लॉकेट की होलसेल कीमत जहां तीन सौ रुपए है आलम ये है कि इसकी ब्लैक मार्केटिंग भी जमकर की जा रही है। मेडिकल स्टोर संचालक और फुटकर सामान के विक्रेता ग्राहकों से इस लॉकेट की कीमत कई गुना अधिक वसूल कर रहे हैं।
जिले में मेडिकल स्टोर चलाने वाले कई लोगों का दावा है की इस लॉकेट में क्लोरीन डाइऑक्साइड की लेयर है। जो हवा में रहकर लॉकेट को पहनने वाले व्यक्ति के एक मीटर की दूरी तक के कोरोना वायरस को नष्ट कर देती है।
इस लॉकेट की लोकप्रियता का आलम यह है कि जिले के भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल सहित कई भाजपा नेताओं के गलों में यह लॉकेट लटका हुआ देखा जा सकता है। उधर, केमिस्ट एंड ड्रग एसोसिएशन के पदाधिकारी रजनीश कौशल के मुताबिक इस लॉकेट की विश्वसनीयता के विषय में एक्सपर्ट ही सही जानकारी दे सकते हैं। वहीं, जब इस विषय में सर्जिकल आइटम की दुकान करने वाले एक थोक विक्रेता से सवाल किया गया तो उन्होंने भी इसे एक्सपर्ट से जुड़ा मामला बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
हालांकि जिले के सीएमओ डॉ राजकुमार ने इस प्रकार के किसी भी लॉकेट से कोरोना के खात्मे की बात को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि सिर्फ कोरोना को रोकने के लिए निर्धारित मानक ही लोगों को इस बीमारी से बचा सकते हैं। खैर आपदा के दौर में अंधविश्वास का बाज़ार गर्म होना कोई नयी बात नहीं है।