शहीद आंदोलनकारियों का केस लड़ूंगी और जीतूंगी – राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने किया ऐलान
मेरी समाधि पर आना तो सही – लेकिन फूल न चढ़ाना
पहले से ही दबे हुए हूं – तुम और न दबाना – भावना पांडेय
राज्य आंदोलनकारी और समाजसेवी भावना पांडे ने कहा है कि वे अब शहीदों को न्याय दिलाने की लड़ाई लडेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के 20 साल बाद भी मसूरी और खटीमा के शहीदों को न्याय नहीं मिला है। 27 साल बीत गये लेकिन मुजफ्फरनगर के दोषियों को सजा नहीं मिली है। उनका तर्क है कि जब दिल्ली की निर्भया को न्याय मिल सकता है तो उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अपनी अस्मत और जान गंवाने वाले आंदोलनकारियों को न्याय क्यों नहीं मिल सकता है? उन्होंने न्याय में देरी के लिए भाजपा और कांग्रेस सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही वो इस मामले में रिट दाखिल करेंगी।
भाजपा-कांग्रेस सरकारों की नीयत पर सवाल
राज्य आंदोलनकारी और प्रखर वक्ता भावना पांडे ने कहा कि राज्य गठन के लिए आंदोलनकारियों ने संघर्ष, त्याग और बलिदान किया लेकिन सत्ता की मलाई भाजपा और कांग्रेस खा रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल शहीदों को भूल गये। अदालत में कमजोर पैरवी और शहीदों की उपेक्षा के कारण ही आज तक आंदोलन में शहीदों को न्याय नहीं मिला है और शहीदों के परिजन आज भी उपेक्षित हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मसूरी और खटीमा गोलीकांड में शहीद लोगों के बारे में प्रदेश सरकार के पास आंकड़े नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में थी तो भी उसने शहीदों के लिए कुछ नहंी किया जबकि आज वो सत्ताविहीन है तो उसकी हिम्मत टूटी हुई है जबकि भाजपा केंद्र और राज्य में सत्तासीन है लेकिन उनके पास बड़े धारा 370, राममंदिर, समान नागरिक संहिता आदि बड़े मुद्दे हैं तो मुजफ्फरनगर जैसा मुद्दा उनके लिए बहुत गौण है लेकिन यह मुद्दा हमारे उत्तराखंड की अस्मिता से जुड़ा हुआ है।
सुशांत राजपूत बनाम शहीद और मीडिया
भावना सवाल करती हैं कि फिल्म एक्टर सुशांत राजपूत ने आत्महत्या की। इस मामले को मीडिया ने इतना अधिक दिखाया कि आनन-फानन में जांच सीबीआई को सौंप दी गई है और उम्मीद है कि सुशांत के आत्महत्या का पता चल जाएगा। यदि ऐसा ही उत्तराखंड में मीडिया हाइप हुई होती तो संभव है कि शहीदों के दोषी जेल की सलाखों के पीछे होते। आज शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि देकर ही शहीद और उनके परिजनों के प्रति कर्तव्यश्री मान लिया जाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। शहीदों के मान-सम्मान और न्याय की लड़ाई मैं खुद लडूंगी।
युवाओं के लिए रोजगार
उद्यमी भावना पांडे ने कहा कि वे प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध करने की दिशा में काम कर रही हैं। उन्होंने एक पोर्टल उत्तराखंड पोस्टमैन लांच किया है। उत्तराखंड पोस्टमैन डाॅट काम में रोजगार संबंधी समाधान होगा। साथ ही रोजगार बाजार के नाम से एक एप भी बना रही हैं। किसानों के लिए बाजार उपलब्ध कराने के लिए हाॅट एडं मार्ट बना रही हैं। इसके माध्यम से किसानों के सभी जैविक पहाड़ी उत्पादों को उनके घरों से खरीदा जाएगा। बेरोजगार युवा स्किल्ड हों या अनस्किल्ड …. उनका रजिस्ट्रेशन होगा और नियोक्ता से रोजगार की बात की जाएगी। यहां नियोक्ता भी एक ही प्लेटफार्म पर होंगे। रोजगार इसी वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा।
तीसरे विकल्प के लिए करें इंतजार
प्रदेश में आम आदमी पार्टी की धमक को लेकर भावना पांडे का कहना है कि आप की दाल हमारे प्रदेश में नहीं गलेगी। कुछ लोगों को भाजपा और कांग्रेस का विकल्प आप नजर आ रही है लेकिन यह सही नहीं है। गजमुक्ता के लिए मेहनत और तैयारी करनी होती है। हम अपने प्रदेश के विकास के लिए सक्षम हैं और हमें आम आदमी पार्टी की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि लोग थोड़ा सब्र करें, अगले साल उत्तरायणी के दिन वो राजनीतिक विकल्प खड़ा करेंगी।