स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की याद में तैयार 14 टन की वीणा, 93वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भारत रत्न लता मंगेशकर को दी श्रद्धांजलि। बता दें कि आज इस विशेष दिन पर उत्तर प्रदेश के अयोध्या में उनकी स्मृति में एक चौक का नामकरण किया गया। दिवंगत महान गायिका लता मंगेशकर की 93वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर खुशी जताई। लता मंगेशकर का 6 फरवरी को निधन हो गया था। उनके निधन के कुछ दिनों बाद योगी आदित्यनाथ ने लता मंगेशकर के नाम पर चौक का नामकरण करने की घोषणा की। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में चौराहे पर 14 टन वजनी 40 फीट लंबी और 12 मीटर ऊंची वीणा की मूर्ति स्थापित की गई है। पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित राम सुतार ने विशालकाय मूर्ति बनाई है। लता मंगेशकर को याद करने ले लिए वीणा की ही मूर्ति क्यों बनाई गयी इसके बारे में आपको बता देते है। मध्यकाल तक शास्त्रीय संगीत में वीणा सबसे प्रमुख वाद्य यन्त्र माना जाता था। लेकिन समय के साथ चीजे बदली गयी और इसकी जगह सितार ने लेली। लेकिन कहते हैं कि वीणा से निकली ध्वनि से मन के रोग मिट जाते हैं। कुछ ऐसे ही ध्वनि लता मंगेशकर की आवाज में भी है। ज्ञान की देवी मां सरस्वती का वर्णन जब भी किया जाता है तो उनके हाथों में सोभित वीणा की छवि हमारे मन में जरुरु आती है। ऐसे ही जब भी मधुर आवाज या सुरों का जिक्र किया जाएगा तो उनमे सबसे पहले महान गायिका लता मंगेशकर का नाम आएगा। लता मंगेशकर ने अपने करियर की शुरुआत 13 साल की उम्र से की थी। सात दशक के लंबे करियर में उन्होंने एक हजार से अधिक हिंदी फिल्मों के लिए गाने रिकॉर्ड किए। उन्होंने 36 से अधिक क्षेत्रीय भारतीय और विदेशी भाषाओं में अपने गाने रिकॉर्ड किए। उन्हें ‘मेलोडी की रानी’ और ‘भारत की कोकिला’ के रूप में जाना जाता है।