ट्रांसपोर्टर सुभाष शर्मा को अंतरिम जमानत, पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू के मामले से भी जुड़ा है नाम
मेरठ के ट्रांसपोर्टर सुभाष शर्मा को पावर ऑफ अटॉर्नी से जुड़े कथित मामले जिला जज से जमानत मिल गई है। सुभाष शर्मा का नाम पुलिस ने उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू से जुड़े आरक्षित वन भूमि के मामले में भी जोड़ा है।
सुभाष शर्मा के अधिवक्ता वीरेन्द्र सहगल ने बताया कि कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है। 16 मई तक अगर पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती है तो उन्हें 20 हजार के मुचलके पर रिहा करना होगा।
पुलिस ने आरक्षित वन भूमि से जुड़े मामले में पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू के साथ सुभाष शर्मा को भी आरोपी बनाया है, लेकिन सुभाष शर्मा पहले दिन से इन आरोपों का खंडन करते आये हैं। सुभाष शर्मा के अधिवक्ता संजय मकीन का कहना है कि पूर्व डीजीपी का मामला अलग है, लेकिन पुलिस जबरन नये मामले उठाकर उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है, जो गलत है। इस मामले में अगली सुनिवाई 16 मई को होगी।
आपको बता दें कि पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू का मामला इन दिनों सुर्खियों में है, बीते 12 साल से पुलिस वन भूमि के कब्जे को लेकर जांच कर रही है, इस बीच खबर आई कि अब पुलिस इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट दायर करने जा रही है। जिसमें पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू को आरोपी बनाया गया है।