विधानसभा बैक डोर भर्ती प्रकरण पर हाईकोर्ट का सरकार को नोटिस, तो क्या बचे हुये बैक डोर वालों पर गिरेगी गाज!
विधानसभा बैक डोर भर्ती प्रकरण पर हाईकोर्ट का सरकार को नोटिस, तो क्या बचे हुये बैक डोर वालों पर गिरेगी गाज!
नैनीताल हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय में हुईं अवैध नियक्तियों के मामले में सरकार से राज्य गठन से लेकर 2021 तक हुई नियुक्तियों का ब्योरा तलब कर लिया है। कोर्ट ने जवाब मांगा है कि विधानसभा सचिवालय से साल 2000 से 2021 तक किसके कार्यकाल में कितनी नियुक्तियां हुई।
आपको बता दें कि हाईकोर्ट में विधानसभा में हुई बैक डोर भर्तियों और अनियमितताओं को लेकर याचिका दायर की गई है। जिसमें कहा गया है कि कि विधानसभा ने एक जांच समिति बनाकर 2016 के बाद विधानसभा सचिवालय में हुईं भर्तियों को निरस्त कर दिया, जबकि उससे पहले की नियुक्तियों को निरस्त नहीं किया गया। जबकि विधानसभा सचिवालय में ये घोटाला 2000 में राज्य बनने से अब तक होता रहा है। कोर्ट को ये भी बताया गया है कि सरकार ने 6 फरवरी 2003 को एक शासनदेश जारी कर तदर्थ नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी जो संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 187 का उल्लंघन है। जिसके तहत हर नागरिक को सरकारी नौकरियों में समान अधिकार मिलना चाहिए। बावजूद इसके उत्तराखंड विधानसभा में बैक डोर से अपने चहेतों को नौकरियां बांट दी गईं।
याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि विधानसभा सचिवालय भर्ती में भ्रष्टाचार से नौकरियां दिलाने वालों के खिलाफ हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराई जाए और उनसे सरकारी धन की वसूली कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। यानी पिछले तमाम विधानसभा अध्यक्ष इस जांच के दायरे में आएंगे।
मामले की अगली सुनवाई सुनवाई चार अगस्त को होगी।