उत्तराखंड की 3 लाख से अधिक महिलाओं को सर से घास से बोझ से छुटकारा मिलने जा रहा है। इस कड़ी में सरकार ने मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना में राज्य के 11 जिलों को शामिल कर लिया है। इससे पहले केवल चार जिलों में इस योजना के अंतर्गत पशुओं के लिए साइलेज का वितरण किया जा रहा था। अब पर्वतीय क्षेत्रों में 150 प्रारंभिक कृषि ऋण समिति के माध्यम से साइलेज को गावं में कुछ हद तक डिस्काउंट पर घरों तक पहुंचाया जाएगा। बता दें कि सरकार ने पिछले 30 अक्टूबर को मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना की शुरुआत की थी। इसके अंतर्गत चयनित चार जिले पौड़ी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और चम्पावत में महिलाओं को घास के बोझ से राहत मिली थी। वहीं अब योजना के अनुसार सहकारिता मंत्री डा धन सिंह रावत राज्य के सभी पर्वतीय जिलों को इसमें शामिल करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए है। पहले से शामिल चार जिलों से साथ 7 और जिलों टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़, देहरादून और नैनीताल के पर्वतीय विकासखंडों को भी शामिल किया है।
पर्वतीय क्षेत्रों में करीब तीन लाख महिलाओं को पशुओं के लिए घास का बोझ सर पर लादना पड़ता है। लेकिन अब मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के अंतर्गत सभी महिलाओं को इस योजना से सुविधा मिलने जा रही है। अब उन्हें घर पर ही हरा घास और चारा सम्पूर्ण मिश्रित आहार में उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके साथ ही साइलेज के लिए सरकार मक्का खेती के लिए भी सहयोग दे रही है। इससे किसानों की आय भी दोगुनी होगी और दुग्ध उत्पादकों में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि होगी