लखनऊ आज से तीन दिनों के लिए जी20 देशों के मेहमानों की आगवानी करेगा। इस दौरान डिजीटल इकॉनमी वर्किंग ग्रुप (डीडब्ल्यूईजी) की बैठक में विभिन्न देशों के 143 प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके अलावा इसमें 9 आमंत्रित देशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इसमें साइबर क्राइम, डिजीटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर औऱ डिजिटल शिक्षा पर अलग-अलग समूह के साथ सत्र रहेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समारोह में सुबह शामिल होंगे।
रविवार को जी20 शिखर सम्मेलन औऱ (डीडब्ल्यूईजी) के आयोजन स्थल होटल सेंट्रम, सुशांत गोल्फ सिटी में प्रेसवार्ता आयोजित की गई। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मैती) के सचिव अल्केश कुमार शर्मा ने कहा कि जी20 देशों के समूह का महत्व इसी से समझा जा सकता है कि दुनिया का करीब 75 फीसदी कारोबार, 85 फीसदी जीडीपी औऱ दो-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व यहां से है। डिजीटल लेन-देन बढ़ने पर 2017 में इन देशों ने डिजीटल इकॉनामी टास्क फोर्स बनाया। यही संगठन बाद में डिजीटल इकॉनामी वर्किंग ग्रुप बना।
शर्मा के अनुसार लखनऊ में आयोजन के दौरान तीन प्राथमिकताओ पर सत्र आयोजित किया जाएगा। इनमें डिजीटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, साइबर सिक्योरिटी औऱ डिजीटल स्किल्स पर ध्यान दिया जाएगा।
प्रदर्शनी से देख पाएंगे लखनऊ का इमामबाड़ा
होटल सेंट्रम में एक डिजीटल प्रदर्शनी भी आयोजित की गई है। अधिकारियों का कहना है कि तकनीकी सत्रों के साथ इस प्रदर्शनी में भी भारत के आधुनिकतम प्रोद्योगिकी जैसे वर्चुअल रियलिटी औऱ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को पर्दर्शित किया जाएगा। इस वर्चुअल प्रदर्शनी से दर्शकों को इमामबाड़ा भी घुमाया जाएगा।
टेक्नॉलॉजी के साथ परोसा जाएगा खाना
आयोजन स्थल पर मेहमानों को खाना भी डिजीटल तकनीक के साथ परोसा जाएगा। हर डिश की नेमप्लेट पर एक क्यूआर कोड लगाया जाएगा, जिसको स्कैन करके मेहमान यह देख पाएंगे कि डिश बनती कैसे है।
जी20 समूह का गठन 1999 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण औद्योगिक और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने के लिए किया गया था। इसमें दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश शामिल हैं। 2023 समिट की अध्यक्षता भारत को मिली है। इसके चैयरमैन प्रधानमंत्री मोदी होंगे।