भगवान श्रीकृष्ण के स्वागत के लिए आज द्रोणनगरी को सजा दिया गया है। मदिरों को भव्य रूप से सजाया जा रहा है साथ ही भगवान के जन्मदिन की तैयारिया भी की जा रही है। नगर के मंदिरों को रंग बिरंगी लाइट और फूलों से सजाया जा रहा है। अष्टमी पर व्रत धारण कर आज लोग पूजा कर रहें है, वहीं मंदिरों में देर मध्य रात्रि में जन्मोत्सव मनाने के लिए कलाकारों द्वारा कीर्तन, भजन की प्रस्तुति की जाएगी। राजधानी दून में इस बार जन्माष्टमी को लेकर लोग असमंजस में हैं, ऐसे में कुछ जगह आज तो कई जगहों पर कल जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जन्माष्टमी का त्यौहार को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस साल भी भारत में जन्माष्टमी का त्यौहार दो दिन मनाया जा रहा है। किसी पंचांग में 18 अगस्त को जन्माष्टमी की तिथि दी गयी है तो किसी पंचांग के अनुसार 19 अगस्त को यह त्यौहार मनाया जाएगा। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि में हुआ था। वहीं इस वर्ष भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 18 अगस्त को सुबह के बजाय रात में करीब 9 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो रही है। फिर 19 अगस्त को सूर्योदय से रात तक रहेगी। ऐसे में अष्टमी की उदया तिथि 19 अगस्त को मानी जाएगी। इस उदया तिथि के अनुसार जन्माष्टमी तिथि 19 अगस्त का मनाना ज्यादा अच्छा रहेगा।