Friday, April 26, 2024
उत्तराखंड

स्वतंत्रता सेनानी अब्बास तैयब की पुण्यतिथि आज, देहरादून में आयोजित किया गया कार्यक्रम

स्वतंत्रता सेनानी और महान देशभक्त अब्बास तैयब जी की 87वीं पुण्यतिथि पर देहरादून स्थित तस्मिया एकेडेमी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुये याद किया। आपको बता दें कि बड़ोदरा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश अब्बास तैयब जालियांवाला बाग नरसंहार से विचलित होकर महात्मा गांधी के साथ स्वतंत्रता संग्राम में कूदे थे। इस महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने 9 जून 1936 को मसूरी में अंतिम सांस ली। पुण्यतिथि पर आयोजित इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने शिरकत की। इस दौरान अरविंद पांडे ने कहा कि आज के युवाओं को अब्बास तैयब जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी से जुड़ी बातें पता होनी चाहिए, ऐसे महान लोगों से ही महान समाज बनता है।
श्रद्धांजलि सभा में डॉक्टर एस फारुख ने महान स्वतंत्रता सेनानी अब्बास तैयब जी के व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अब्बास तैयब जी जैसे देशभक्त और ज्ञानी बहुत कम हुए हैं। गांधीजी और तैयब जी का रिश्ता बड़ा नज़दीकियों का था। अब्बास तैयब लड़कियों की शिक्षा को लेकर बेहद संजीदा थे। उनका मानना था कि यदि देश की बेटियां पढ़ी लिखी होंगी तो समाज और देश अपने आप तरक्की करेगा।
इस दौरान डॉ.एस फारूख द्वारा टीबी के 150 मरीजों के लिए हर महीने ए क साल तक खाने का जिम्मा उठाया गया है। डॉ.मनोज वर्मा ने बताया कि डॉ.एस फारूख से 25 मरीजों के लिये आग्रह किया गया था लेकिन उन्होंने 150 मरीजों का जिम्मा उठाया है।

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