उत्तराखण्ड के हिस्से एक और गौरव, ले.ज. अनिल चौहान बने सीडीएस
भारतीय सेना में उत्तराखण्ड के योगदान का एक और सुनहरा पन्ना जुड़ गया है। देश के दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ बनने का गौरव एक बार फिर उत्तराखंड के सपूत को मिला हुआ। पौड़ी जिले के मूल निवासी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान देश के दूसरे सीडीएस बने हैं। इससे पहले उत्तराखंड के ही जनरल विपिन रावत देश के पहले सीडीएस बने थे। जिनका हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया था। यह संयोग हैं कि जनरल विपिन रावत पहले सीडीएस बने तो वो भी इलेवन गोरखा राइफल से थे और लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान भी इलेवन गोरखा राइफल से हैं। ले.ज. चौहान उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के पौड़ी जिले में राजपूत परिवार से ताल्लुख रखते हैं। देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी से पास-आउट होने के बाद ले.ज. चौहान को भारतीय सेना की गोरखा राइफल्स में 1981 में कमीशन प्राप्त हुआ था। सीडीएस जैसे अहम पद पर नियुक्ति से पहले ले.ज. चौहान कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उन्हें जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में आतंक विरोधी अभियानों का खासा अनुभव है। ले. जनरल चौहान की संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत अंगोला में भी तैनाती हो चुकी है। 40 साल की सेवा के बाद ले. जनरल चौहान पिछले साल 31 मई को सेवानिवृत हुए थे।
लेफ्टिनेंट जनरल(रिटायर्ड) अनिल चौहान के देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनने पर उनके मूल गाँव खिर्सू ब्लॉक के गवाणा गांव में खुशी की लहर है। ग्राम वासियों का कहना है कि यह पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। पूर्व प्रधानपति अरिवंद रावत का कहना है कि चौहान की तैनाती से पूरे खिर्सु ब्लाक में खुशी की लहर है। इधर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी ले जनरल चौहान के सीडीएस बनने पर खुशी प्रकट की है। सीएम धामी ने ट्वीटर पर पोस्ट करते हुए लिखा कि उत्तराखंड के सपूत को सीडीएस नियुक्त होने से हर उत्तराखंडी गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमें पूर्ण विश्वास है कि आपके कुशल नेतृत्व में भारतीय सेना