Monday, April 29, 2024
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केंद्र सरकार ने पीएफआई को घोषित किया गैरकानूनी संस्था, पांच सालों के लिए संस्था बैन

केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को एक गैरकानूनी संस्था घोषित कर दिया है। सरकार ने पीएफआई पर अगले पांच सालों के लिए बैन लगाया है। केंद्र की ओर से लगाए गए इस प्रतिबंध में संस्था के सभी सहयोगियों और बहुत से मोर्चों को गैरकानूनी घोषित किया गया है। जिसमे रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), रिहैब फांउडेशन केरल नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन शामिल है। बता दें कि PFI एक कट्टरपंथी संगठन है। पहले 2017 में NIA ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। NIA जांच में इस संगठन के कथित रूप से हिंसक और आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के बात आई थी। NIA के रिकॉर्ड के मुताबिक यह संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया है।

पीएफआई की शुरुआत साल 2006 में हुई थी। इस समय इसका नाम नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) था। फिर इसमें कई अन्य मुस्लिम संगठनों जैसे मनीथा नीति पसराय, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी, राष्ट्रीय विकास मोर्चा और कई सारों संस्था से जुड़ते चले गए। जिसके बाद भारत के कई राज्यों में मुस्लिम संगठनों को मिलाकर पीएफआई बना। हालांकि स्थापना के बाद से ही ये संगठन सवालों के घेरे में रहे। देश के कई राज्यों में इसपर बैन है। इस संगठन पर देश विरोधी गतिविधियों में भी शामिल होने का आरोप भी लगता है। इसकी विचारधारा कुछ भिन्न थी। इसपर देश को मुस्लिम राष्ट्र बनाने और काम करने का आरोप है। संगठन के कुछ छिपे हुए खतरनाक एजेंडे होने का भी आरोप है जो देश के लिए नुकसानदायक हैं। हालांकि पीएफआई के नेता लगातार खुद पर लगे आरोपों को नकारते हुए इसे राजनीति से जुड़ा मुद्दा बताते रहे हैं।

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