Sunday, May 5, 2024
राष्ट्रीय

विश्व मलेरिया दिवस 2022 : जानिए क्या है मलेरिया दिवस का इतिहास,  महत्व और थीम

हर साल 25 अप्रैल को ही विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। हर साल मच्छर से होने वाली बिमारियों से भारत में हजारों लोगों की मृत्य हो जाती हैं। जिनमे से एक  बीमारी मलेरिया भी है। बता दें कि मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है। जो मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होती है। साल 2000 से 2014 के बीच, दुनिया भर में मलेरिया से होने वाली मौतों की संख्या में 40% की गिरावट आई है। हालांकि इस बीमारी का इलाज और बचाव दोनों ही संभव है।

इस दिवस को ‘मलेरिया’ जैसी गम्भीर बीमारी की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य मलेरिया जैसी बीमारियों से जल्द नियंत्रण और कार्यवाही करना है, साथ ही मलेरिया को नियंत्रण और आवश्यता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

जानिए इस साल क्या है थीम

हर साल इस दिवस को मनाने के लिए एक थीम रखी जाती है। इस वर्ष भी विश्व मलेरिया दिवस पर एक थीम रखी गयी है “मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करें”

जानिए इतिहास

विश्व मलेरिया दिवस का विचार अफ्रीका मलेरिया दिवस से लाया गया था। अफ्रीका मलेरिया दिवस मूल रूप से एक ऐसी घटना है जिसे 2001 से अफ्रीकी सरकारों द्वारा मनाया जा रहा है, जिसे पहली बार 25 अप्रैल 2008 में आयोजित किया गया था। 2007 में, विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र में, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रायोजित एक बैठक में प्रस्तावित किया गया कि अफ्रीका मलेरिया दिवस को विश्व मलेरिया दिवस में बदल दिया जाए।

 

 

 

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