जन नेता प्रकाश पंत की चौथी पुण्यतिथि आज, जितने ज्ञानी उतने ही सरल थे प्रकाश पंत
उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत की आज चौथी पुण्यतिथि है। आज ही के दिन 2019 में सूबे के इस कद्दावर नेता का निधन हुआ था। फेफड़ों की गंभीर बीमारी से जूझ रहे प्रकाश पंत ने 5 जून को अमेरिका में अंतिम सांस ली थी। शांत, सौम्य और सरल स्वभाव के धनी प्रकाश पंत ने अपने लम्बे राजनैतिक जीवन में प्रदेश के गठन और बाद में प्रदेश को एक नई दिशा देने में बड़ी भूमिका निभाई अदा की थी। 11 नवंबर 1960 को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में जन्मे प्रकाश पंत उन नेताओं में थे, जिन्हें राज्य की सियासत के प्रभावशाली चेहरों में से एक माना जाता था। प्रकाश पंत ने पहली बार साल 2002 में विधानसभा का चुनाव जीता था। इससे पहले वो उत्तराखंड की अंतरिम सरकार में पहले विधानसभा अध्यक्ष भी रहे। पंत 2017 के चुनाव के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में संसदीय कार्य, पर्यटन और वितं मंत्री के रूप में काम कर रहे थे। इसी दौरान काल के क्रूर हाथों ने पहाड़ से उसका असल बेटा छीन लिया।
प्रकाश पंत जितने ज्ञानी थी उतने ही सरल भी थी। संसदीय कार्यों के मर्मज्ञ प्रकाश पंत जब विधानसभा में सरकार की ओर से जवाब दिया करते थे तो पूरा सदन उन्हें शांति से सुना करता था। विधायकों के हर सवाल का जवाब सरलता से देना उनकी बड़ी खासियत रही। सरकारें आएंगी जाएंगी मगर प्रकाशं पंत जैसे ज्ञानी व्यक्तित्व की कमी ये राज्य हमेशा महसूस करता रहेगा।