तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद, अब मर्कटेश्वर मंदिर होगी पूजा अर्चना
उत्तराखंड के पंचकेदारों में प्रसिद्ध तृतीय केदार भगवन तुंगनाथ के कपाट आज सोमवार को 11.30 बजे शीतकाल के लिए विधि विधान से बंद कर दिए गए हैं। इस वर्ष तृतीय केदार के कपाट 6 मई को खोले गए थे। वहीं आज कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग को समाधिस्थ किया गया। प्रात: 8 बजे से मंदिर में दर्शन हुए। इसके बाद नौ बजे से कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हूई। इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे। 9 नवंबर को बाबा की चल उत्सव विग्रह डोली मर्कटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए विराजमान हो जाएगी। तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद तुंगनाथ भगवान की चल विग्रह डोली मंदिर परिसर में विराजमान हुई। वहीं आज मंदिर की परिक्रमा के पश्चात डोली ने प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान किया। जहां पर भगवान तुंगनाथ की डोली का भव्य स्वागत हुआ। आज डोली चोपता में रात्रि विश्राम करेगी। 8 नवंबर को डोली बड़तोली होते हुए भनकुन पहुंचेगी और रात्रि में वहीं विश्राम करेगी। 9 नवंबर को प्रात: देवडोली भनकुन से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंच जाएगी। पूजा अर्चना के पश्चात डोली मंदिर गर्भगृह में विराजमान हो जाएगी। आपको बता दें कि इस वर्ष भक्तों की भीड़ ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 6 मई से 5 नवंबर तक भगवान तुंगनाथ के दर्शन के लिए कुल 27000 श्रद्घालु मंदिर पहुंचे।