चंद्रयान 3 की सफल लॉन्चिंग, चंदा मामा से मिलने ऐतिहासिक सफर पर रवाना हुआ चंद्रयान
2019 में चंद्रमा पर पहुंचने का जो सपना टूटा था उस सपने को पूरा करने के लिये आज चंद्रयान 3 अपने ऐतिहासिक सफर पर रवाना हो गया है। भारत के वैज्ञानिक भारत के लोगों की धड़कने तेज थी, लॉन्चिंग का काउंटडाउन शुरू हुआ और ये धड़कने तब तक बढ़ती रहीं जब तक चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा में स्थापित नहीं हो गया।
दोपहर 2.35 बजे रॉकेट बूस्टर को लॉन्च किया गया तो उस वक्त इसकी शुरुआती रफ्तार 1627 किमी प्रति घंटा रही। लॉन्च के 108 सेकंड बाद 45 किमी की ऊंचाई पर इसका लिक्विड इंजन स्टार्ट हुआ और रॉकेट की रफ्तार 6437 किमी प्रति घंटा पहुंच गई। आसमान में 62 किमी की ऊंचाई पर पहुंचने पर दोनों बूस्टर रॉकेट से अलग हो गये और रॉकेट की रफ्तार 7 हजार किमी प्रति घंटा पहुंच गई।
क्रॉयोजनिक इंजन स्टार्ट होने के बाद रॉकेट की रफ्तार 36,968 किमी प्रति घंटे पहुंच गई और लॉन्चिंग के 16 मिनट बाद चंद्रयान 3 आखिरकार पृथ्वी की कक्षा में स्थापित होगा।
और इसी के साथ पूरा देश खुशी से झूम उठा। लेकिन अभी मिशन को कई महत्वपूर्ण पड़ाव पार करने हैं। इसके बाद पहला महत्वपूर्ण पड़ाव है जब चंद्रयान धीरे-धीरे अपना ऑर्बिट बढ़ाकर चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा। इसके बाद चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर लैंडिंग होनी है जोकि 23 या 24 अगस्त को रखी गई है लेकिन वहां सूर्योदय की स्थिति को देखते हुए इसमें बदलाव भी किया सकता है। अगर सूर्योदय में देरी होती है तो इसरो लैंडिंग का समय बढ़ाकर इसे सितम्बर में कर सकता है।
इस मिशन का पहला टारगेट चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग है। दूसरा टारगेट रोवर का चंद्रमा की सतह पर चहलकदमी करना है और तीसरा रोवर से जुटाई जानकारी के आधार पर चंद्रमा के रहस्यों से पर्दा उठाना है।