Friday, May 17, 2024
उत्तराखंड

पद्मभूषण डॉ.अनिल जोशी का बयान, कहा ग्लेशियर झीलें एक साथ दो खतरा लेकर आ रही हैं

मशहूर पर्यावरणविद् पद्मभूषण डॉ. अनिल जोशी ने उत्तराखंड की बदलती जलवायु पर गहरी चिंता प्रकट की है। हिमालय के ग्लेशियरों से बनी झीलों पर चिंता प्रकट करते हुये उन्होंने कहा है कि हिमालीय क्षेत्र में झील बनने का मतलब है कि ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं और ये झीलें बड़ा नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि ग्लेशियर की झीलें हमारे लिये दो चिंताएं लेकर आईं हैं।
डॉ.अनिल जोशी का कहना है कि उत्तराखंड राज्य का पर्यावरण बेहद संवेदनशील है जो हमें बड़े निर्माणों की इजाजत नहीं देता। लिहाजा बेहतर ये होगा कि हम पर्यावरण के साथ चलें। हिमालय में खतरा बनी ग्लेशियर झीलों पर बोलते हुये उन्होंने कहा कि ये समय की चेतावनी है सरकारों को समय पर इस खतरे से निपटने के उपाय करने होंगे। साथ ही डॉ.जोशी ने उत्तराखंड के जंगलों में बढ़ रहे चीड़ के जंगलों पर चिंता प्रकट की है उनका कहना है कि चीड़ के पेड़ों को काटकर खत्म करने की आवश्यकता नहीं है बल्कि चीड़ के जंगलों में चालें-खालें बनाकर उसकी इकोलॉजी को बदलने की जरूरत है, इससे खुदबखुद चीड़ खत्म हो जाएगा।

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