Monday, April 29, 2024
राष्ट्रीय

तो क्या बदल जाएगा ताजमहल का नाम? नगर निगम आगरा के सदन में आया नाम बदलने का प्रस्ताव

यूपी में ताजमहल का नाम बदलकर तेजो महालय करने की कवायद तेज हो गई है। इस संबंध में आज नगर निगम आगरा के सदन में नाम बदलने का प्रस्ताव लाया गया है। इस प्रस्ताव को नगर निगम ताजगंज वार्ड के भाजपा पार्षद शोभाराम राठौर ने पेश किया है। चर्चा के बाद इस प्रस्ताव के पारित होने की पूरी संभावना है। भाजपा पार्षद शोभाराम का तर्क है कि अगारा नगर निगम के अंतर्गत पिछले साढे़ 4 साल में करीब 80 सड़क और चौराहों के नाम बदले गए हैं। ताजमहल का नाम बदलने की मांग भी लंबे समय से उठ रही है। जिस जगह ताजमहल है, वो उस क्षेत्र के पार्षद भी हैं। ताजमहल नगर निगम की सीमा में है। ताजमहल में हिंदू सभ्यता से जुडे़ कई चिन्ह मिलने की बात कही जाती है। ऐसे में उन्होंने नाम बदलने का प्रस्ताव रखा है।
अब सवाल है कि क्या केन्द्र की अनुमति के बिना नगर निगम आगरा ताजमहल का नाम बदल सकती है? क्या आगरा नगर निगम में प्रस्वात पारित होने के बाद ताजमहल का नाम तेजो महालय हो जाएगा?
अगर आगरा नगर निगम में प्रस्ताव पास होकर ताजमहल का नाम तेजो महालय हो भी गया, तो भी इस पुरातात्विक महत्व के संरक्षित स्मारक का नाम सरकारी दस्तावेजों में बदल नहीं सकेगा। किसी भी पुरातात्विक स्मारक का नाम बदलने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार को है। ऐसे में नगर निगम में आने वाला ये प्रस्ताव सिर्फ सियासी स्टंट माना जा रहा है। हालांकि, प्रस्ताव पास होने पर नगर निगम के कागजातों में जरूर ताजमहल की जगह तेजोमहालय लिखा जाने लगेगा।
अब आपको बताते हैं कि आखिर ताजमहल का नाम बदलने के पीछे क्या तर्क दिये जा रहे हैं-
पार्षद शोभाराम ने ताजमहल का नाम बदलने के पीछे कई तर्क दिए हैं। उनका कहना है कि ताजमहल नाम एक विदेशी यात्री द्वारा दिया गया है। जो कि मूलनाम तेजो महालय का अपभ्रंश है।
एक तर्क ये भी है कि विश्व में किसी भी कब्रिस्तान के साथ महल शब्द नहीं जुड़ा है।
ये भी कहा जाता है कि ऐतिहासिक और लिखित प्रमाण है कि उक्त परिसर राजा जयसिंह की संपत्ति थी, जिसे शाहजहां ने हथिया लिया था।
तर्क है कि शाहजहां की प्रेम कहानी काल्पनिक लगती है, क्योंकि शाहजहां की कई पत्नियां थीं।
रानी मुमताज का असली नाम अर्जुमंद बानो था। कथित मुमताज की मृत्यु बुरहानपुर में इस स्मारक के निर्माण से 22 साल पहले हुई थी। इतने साल मुमताज के मृत शरीर को कैसे सुरक्षित रखा गया। इसका भी कोई स्प्ष्ट उल्लेख नहीं है।
इन तमाम तर्कों के आधार पर आगरा नगर निगम में प्रस्ताव लाया गया है अब देखना है कि क्या ये प्रस्ताव पारित होता है अगर होता है तो ताजमहल का नाम केवल नगर निगम के कागजों में तेजो महालय होगा और जब तक केन्द्र सरकार इसका नाम नहीं बदलती पूरी दुनिया मोहब्बत की निशांनी को ताजमहल के नाम से ही जानेगी।

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