सांसद आदर्श गांव की बदहाली देखिये, सूपी गांव में उफनते नाले को पार कर जाना पड़ता है स्कूल
आंखों में हजारों सपने और बेहतर भविष्य की चाह में स्कूल जाते ये बच्चे बागेश्वर के कपकोट स्थित सूपी गांव के हैं। बारिश से इलाके के नाले-नदियां उफान पर हैं लेकिन क्या करें स्कूल तो जाना है। उफनते नालों से जान हथेली पर लेकर ये बच्चे हर दिन स्कूल पहुंच रहे हैं। नाले का उफान इतना भयानक है कि अगर गलती से किसी बच्चे का पांच फिसल गया तो पानी का उफान उसे तिनके की तरह बहा ले जाएगा। भारी बारिश के बाद गांव के रास्ते, सड़कें बह चुके हैं मगर सरकार ने कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है। सूपी गांव की ये तस्वीरे सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। जिसे लेकर लोग सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
चलिये अब आपको बताते हैं कि उफनती नदी को पार करते ये बेबस बच्चे एक ऐसे गांव के हैं जो कागजों पर आदर्श गांव माना जाता है। यानी वो गांव जो आदर्श गांव है, वो गांव जिसे अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ के सांसद अजय टम्टा ने गोद लिया, गोद लिया ताकि इस गांव के दुख-दर्द कम हो पाएं, गांव में बुनियादी सुविधाओं का जुटाया जा सके ताकि ग्रामीणों का जीवन बेहतर हो सके। मगर अफसोस ऐसा हुआ नहीं। ये तस्वीरें बयां करती हैं कि सूपी गांव आदर्श तो कतई नहीं बन पाया है, हां बदहाली, बेबसी और अभावों का पर्याय जरूर बन गया है।