Saturday, April 27, 2024
उत्तराखंड

मुख्यमंत्रियों और न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में बोले पीएम मोदी, कहा न्यायपालिका संविधान की संरक्षक और कार्यपालिका नागरिकों की

नई दिल्ली- दिल्ली के विज्ञान भवन में मुख्यमंत्रियों और न्यायाधीशों का संयुक्त सम्मेलन शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के विज्ञान भवन में मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद थे। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, हमारे देश में, जबकि न्यायपालिका की भूमिका संविधान के संरक्षक की है, विधायिका नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। मेरा मानना है कि संविधान के इन दो वर्गों का यह संगम, यह संतुलन देश में प्रभावी और समयबद्ध न्यायिक व्यवस्था का रोडमैप तैयार करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों का ये संयुक्त सम्मेलन हमारी संवैधानिक खूबसूरती का सजीव चित्ररण है। हमारे देश में जहां एक ओर ज्यूडिशरी की भूमिका का संविधान संरक्षक की है, वहीं विधान मंडल नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा, 2047 में जब देश अपनी आज़ादी के 100 साल पूरे करेगा, तब हम देश में कैसी न्याय व्यवस्था देखना चाहेंगे? हम किस तरह अपने न्याय व्यवस्था को इतना समर्थ बनाएं कि वो 2047 के भारत की आकांक्षाओं को पूरा कर सके, उन पर खरा उतर सके, ये प्रश्न आज हमारी प्राथमिकता होना चाहिए। पीएम ने कहा, आज का सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आज़ादी के इन 75 सालों ने ज्यूडिशरी और एग्जीक्यूटिव दोनों के ही भूमिका और जिम्मेदारियों को निरंतर स्पष्ट किया है। जहां जब भी जरूरी हुआ, देश को दिशा देने के लिए ये संबंध लगातार विकसित हुआ है। मुख्यमंत्रियों व मुख्य न्यायाधीशो की ज्वाइंट कॉन्फ्रेंस होती आई है, उनसे हमेशा देश के लिए नए विचार भी निकलें है। लेकिन इस बार आयोजन अपने आपमें खास है। देश सपने देख रहा है तो हमें भी भविष्य की तरफ देखना होगा। उन्होंने कहा, भारत सरकार न्याय व्यवस्था में तकनीकी की संभावनाओं को डिजिटल इंडिया मिशन का एक जरूरी हिस्सा मानती है। उदाहरण के तौर पर, ई-कोर्ट परियोजना को आज मिशन मोड में लागू किया जा रहा है। आज छोटे कस्बों और यहां तक कि गांवों में भी डिजिटल ट्रांसजेक्शन आम बात होने लगी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू के साथ मेघालय के सीएम कोनराड संगमा और पंजाब के सीएम भगवंत मान भी इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल हुए।

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