Friday, May 3, 2024
उत्तराखंड

चारधाम में पर्यटन कारोबार में हुई धन वर्षा, दो धामों की कमाई 250 करोड़ के पार

कोरोना महामारी के बाद लगभग बर्बाद हो चुके पर्यटन करोबार को इस साल की चारधाम यात्रा ने मालामाल कर दिया है। इस बार चारधाम यात्रा की रौनक ऐसी लौटी की यात्रा के पिछले सारे रिकार्ड टूट गये। व्यवसाय और आमदनी ने भी लंबी छलांग लगाई है। इस बार केदारनाथ और यमुनोत्री में घोड़ा खच्चर, हेली और डंडी-कंडी से 211 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। इतना ही नहीं घाटे में चल रहे गढ़वाल मंडल विकास निगम के लिए भी इस बार की यात्रा शुभ रही और जीएमवीएन की आय 50 करोड़ के पास पहुंचने का अनुमान है।
चारधाम यात्रा स्थानीय लोगों और व्यवसायियों के लिए आय का एक बड़ा जरिया है। फिर चाहे वो होटल व्यवसायी हों, छोटे कारोबारी हों या फिर परिवहन संचालक। सभी की आर्थिकी इस यात्रा से जुड़ी हुई है। इस साल चारधाम यात्रा ने कई नए कीर्तिमान स्थापित किये हैं। अभी तक 43.30 लाख से अधिक यात्री चारधाम यात्रा कर चुके हैं। अभी तक जिन तीन धाम के कपाट बंद हुए हैं, उनमें गंगोत्री में इस वर्ष 6.24 लाख यात्रियों ने गंगाजी के दर्शन किए, यमुनोत्री में यमुनाजी के दर्शन करने वालों का आंकड़ा 4.85 लाख है। वहीं केदारनाथ धाम में इस वर्ष 15.36 लाख तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए हैं। वहीं, बदरीनाथ में 16.56 लाख यात्री दर्शन कर चुके हैं।
बात करें कारोबार की तो केदारनाथ में ही स्थानीय व्यापारियों को खासा लाभ हुआ है। केवल घोड़ा-खच्चर, हेली और डंडी कंडी से ही 190 करोड़ रुपये का व्यवसाय हुआ है। इनमें घोड़े खच्चर संचालकों को 109.28 करोड़, हेली कंपनियों को 75.40 करोड़, डंडी-कंडी से 86 लाख मिले हैं। सरकार को भी सोनप्रयाग पार्किंग से 75 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है। वहीं यमुनोत्री में घोड़े-खच्चर वालों का लगभग 21.75 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ है। चारधाम में से तीन धाम केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट अब बंद हो चुके हैं, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे।

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