यूपीएससी से लेकर चाय की दुकान तक का सफर, जानिए चाय सुट्टा बार के को-फाउंडर अनुभव दुबे की सफलता की कहानी
भारत की आधी से ज्यादा आबादी को चाय बेहद पसंद होती है। ऐसे में कुल्हड़ के प्याले में चाय की चुस्किया लेने का आनंद ही कुछ और होता है। इसी आईडिया के साथ अनुभव दुबे और उनके तीन दोस्तों ने आज 100 करोड़ से ज्यादा का धंधा कर लिया है। दरअसल पहले अनुभव दुबे सरकारी नौकरी के लिए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। अनुभव दुबे के परिवार वाले भी यही उम्मीद करते थे कि बेटा जल्द से यूपीएससी के एग्जाम में सफल हो जाये। लेकिन अनुभव हमेशा से अपना बिजनेस शुरू करन चाहते थे।
आपको बता दें कि अनुभव दूबे ने अपनी शुरुआती पढ़ाई 1 से 8 तक गांव के स्कूल में की थी। इसके बाद की पढ़ाई उन्होंने इंदौर से की। फिर घरवालों ने यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली भेजा जहां उनकी मुलाकात उनके स्कूल दोस्त और चाय सुट्टा बार कंपनी के को-फाउंडर आनन्द नायक से हुई। यहीं से शुरुआत हुई कंपनी चाय सुट्टा बार के आइडिया पर काम करने की। अनुभव दुबे ने ठान लिया था कि उन्हें बिज़नेस ही करना है जिसके बाद उन्होंने अपने दोस्तों राहुल और आनन्द के साथ 2016 में एक छोटी सी चाय की दुकान खोली। शुरुआत में पैसों की दिक्कत हुई थी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। पैसे बचाने के लिए उन्होंने अपने हाथ से लिखा हुआ बैनर इस्तेमाल किया और खुद ही सर्विस देनी शुरू कर दी थी। चाय का नाम रखा चाय सुट्टा बार जिसमंे उन्होंने लिखा था भी कि धुम्रपान करना मना है। लम्बे समय के बाद तीन लाख में शुरू की गई कंपनी का आज सालान टर्नओवर 100 करोड़ का पार पहुंच गया। अनुभव के अनुसार मौजूदा समय में देश के 165 जगहों पर कंपनी के आउटलेट्स हैं। इसके 250 से अधिक परिवार जोकि कुल्हड़ बनाते हैं, वो सभी भी इसी कंपनी पर पूरी तरह से निर्भर करते हैं।