आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को धामी सरकार का झटका, टूटने जा रहा है प्राइवेट स्कूल में पढ़ने का सपना
उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार राज्य में आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों में होने वाली मुफ्त एडमिशन की व्यवस्था खत्म करने जा रही है। जी हां ऐसा हुआ तो राज्य के लाखों गरीब बच्चों का अच्छे और नामी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने का सपना टूट जाएगा। उन्हें फिर से सरकारी स्कूलों में ही पढ़ना होगा। क्योंकि अब सरकारी और अशासकीय स्कूलों में सीट न होने पर ही प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन की सुविधा मिलेगी।
आपको बता दें कि वर्तमान समय में करीब 1 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं आरटीई कोटे के तहत प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे हैं। सरकार उनका पूरा खर्च उठाती है। सरकार का मानना है कि वर्तमान में राज्य के सरकारी स्कूल पहले के मुकाबले बेहतर स्थिति में हैं। सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी बेहतर और क्वालीफाइड होते हैं। इसलिये जरूरी हो गया है कि आरटीई के नियम को अब संशोधित किया जाए। इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जल्द ही इसे कैबिनेट में लाया जाएगा।
अब सवाल है कि आखिर सरकार ऐसा क्यों कर रही है,
दरअसल पिछले 12 सालों में आरटीई के कोटे के तहत सरकार 800 करोड़ से अधिक का पैसा प्राइवेट स्कूलों को फीस के तौर पर दे चुकी है। जबकि इसमें ड्रेस और किताबों का खर्च शामिल नहीं है। हर साल 126 करोड़ रूपये की फीस सरकार की ओर से प्राइवेट स्कूलों को दी जा रही है। सरकार इस पैसे को बचाना चाहती है।
राज्य के चार हजार प्राइवेट स्कूलों में 25 फीसदी सीटें आरटीई के लिये आरक्षित होती है। आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित परिवारों के बच्चे इसके पात्र होते हैं। लेकिन अब ऐसे आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने का सपना टूटने जा रहा है।