देवभूमि के गुनेहगारों को मिली सजा, 30 साल बाद मिला न्याय
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी महिला से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले यूपी पुलिस के दो सिपाहियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। 30 साल बाद मिले इस न्याय से पूरे उत्तराखंड ने राहत की सांस ली।
मुजफ्फरनगर की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जैसे ही दोषियों को सजा सुनाई तो दोनों दोषियों के चेहरों पर हवाइयां उड़ने लगी। फैसला सुनते ही दोनों कांप उठे और घबराकर कटघरे में नीचे बैठ गए। दोनों को कोर्ट ने तीन दिन पहले ही दोषसिद्ध कर दिया था, लेकिन शायद उन्हें आजीवन कारावास की उम्मीद नहीं थी।
रामपुर तिराहा कांड में सजा सुनाते हुये कोर्ट ने ये भी कहा कि राष्ट्रपति महात्मा गांधी की जन्मतिथि के दिन हुई ये घटना बेहद जघन्य थी। खासकर तब जब जिन लोगों पर जनता की सुरक्षा का जिम्मा है वो ही जनता के साथ ऐसे अपराध को अंजाम दें। लोकतंत्र में हर किसी को अपने हक की आवाज उठाने का अधिकार है।
30 साल बाद मिले इस न्याय के बाद समूचे उत्तराखंड ने राहत की सांस ली है।