दयारा में बटर फेस्टिवल की धूम, दूध-दही और मक्खन से खेली गई होली
रंगों और फूलों से होली के बारे में आपने जरूर सुना होगा। लेकिन उत्तराखंड में एक ऐसी जगह भी है, जहां पर सदियों से दूध-मक्खन की अनूठी होली खेली जाती है। जी हां, सदियों से उत्तरकाशी के दयारा बुग्याल में अंढूड़ी उत्सव(बटर फेस्टिवल) का आयोजन किया जाता है।
हर साल की तरह ही इस बार भी 11 हजार फीट की ऊंचाई पर दयारा बुग्याल में दूध-मक्खन की होली खेली गई। कृष्ण और राधा के मटकी फोड़ने के बाद पंचगाई पट्टी सहित आस-पास के ग्रामीणों ने दूध-दही और मक्खन से होली खेली। गुलाल की जगह एक दूसरे पर लोगों ने दूध-मक्खन लगाकर रासो तांदी नृत्य का आयोजन किया।
दयारा पर्यटन उत्सव समिति द्वारा आयोजित बटर फेस्टिवल में आस-पास के तमाम गांवों से पांच पांडवों सहित अनेक देव डोलियां शामिल हुईं। उसके बाद ग्रामीणों ने बुग्याल में स्थित छानियों में एकत्रित दूध-दही और मक्खन का वन देवताओं सहित स्थानीय देवी-देवताओं को भोग चढ़ाया। उसके बाद राधा-कृष्ण ने मक्खन की हांडी को तोड़ा और उसके बाद बटर फेस्टिवल का जश्न शुरू हो गया। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने इस उत्सव में प्रतिभाग किया।
आपको बता दें कि ये उत्सव पारंपरिक और पौराणिक है। ग्रामीण बुग्यालों से अपने मवेशियों को जब अपने घरों की ओर वापसी करते हैं। तो इस मौके पर ग्रामीण दूध-दही मक्खन को वन देवताओं और स्थानीय देवताओं को चढ़ाकर आशीवार्द लेते हैं। और इसी दौरान दूध मक्खन को एक दूसरे को प्रसाद के रूप में पेश किया जाता है, और इसी से होली खेल उत्सव मनाया जाता है।