Friday, May 3, 2024
अंतरराष्ट्रीय

आदित्य L1 ने खींचीं सूर्य की पहली फुल डिस्क तस्वीरें, टेलीस्कोप ने 11 फिल्टर यूज किए

इसरो के आदित्य-एल1 पर लगे सौर पराबैंगनी इमेजिंग टेलीस्कोप (एसयूआईटी) ने पराबैंगनी तरंग दैर्ध्य के निकट सूर्य की पहली पूर्ण-डिस्क तस्वीरें ली हैं। ये तस्वीरें 200 से 400 नैनोमीटर तरंग दैर्ध्य तक की हैं। इसरो ने शुक्रवार को इन तस्वीरों को साझा किया। इन तस्वीरों में सूरज 11 अलग-अलग रंगों में दिखाई दे रहा है।

इसरो ने तस्वीर पर क्या कहा
इसरो ने बताया कि एसयूआईटी ने कई वैज्ञानिक फिल्टरों का उपयोग करके इस तरंग दैर्ध्य रेंज में सूर्य के फोटोस्फीयर और क्रोमोस्फीयर की तस्वीरें ली हैं। ये तस्वीरें सूर्य के फोटोस्फेयर और क्रोमोस्फेयर के बारे में अभूतपूर्व जानकारी प्रदान करती हैं। सूर्य की दिखने वाली सतह फोटोस्फेयर कहलाती है, जबकि और इसके ठीक ऊपर की पारदर्शी परत को क्रोमोस्फेयर कहा जाता है।

सितंबर में हुई थी लॉन्चिंग
भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने दो सितंबर को भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 की लॉन्चिंग की थी। इसरो ने पीएसएलवी सी57 लॉन्च व्हीकल से आदित्य एल1 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से हुई थी। यह मिशन भी चंद्रयान-3 की तरह पहले पृथ्वी की परिक्रमा करेगा और फिर यह तेजी से सूरज की दिशा में उड़ान भरेगा।

तारों के अध्ययन में सबसे ज्यादा मदद करेगा
इसरो के मुताबिक, सूर्य हमारे सबसे करीब मौजूद तारा है। यह तारों के अध्ययन में हमारी सबसे ज्यादा मदद कर सकता है। इससे मिली जानकारियां दूसरे तारों, हमारी आकाश गंगा और खगोल विज्ञान के कई रहस्य और नियम समझने में मदद करेंगी। हमारी पृथ्वी से सूर्य करीब 15 करोड़ किमी दूर है। आदित्य एल1 वैसे तो इस दूरी का महज एक प्रतिशत ही तय कर रहा है, लेकिन इतनी सी दूरी तय करके भी यह सूर्य के बारे में हमें ऐसी कई जानकारियां देगा, जो पृथ्वी से पता करना संभव नहीं होता।
मिशन के उद्देश्य क्या हैं?
भारत का महत्वाकांक्षी सौर मिशन आदित्य एल-1 सौर कोरोना (सूर्य के वायुमंडल का सबसे बाहरी भाग) की बनावट और इसके तपने की प्रक्रिया, इसके तापमान, सौर विस्फोट और सौर तूफान के कारण और उत्पत्ति, कोरोना और कोरोनल लूप प्लाज्मा की बनावट, वेग और घनत्व, कोरोना के चुंबकीय क्षेत्र की माप, कोरोनल मास इजेक्शन (सूरज में होने वाले सबसे शक्तिशाली विस्फोट जो सीधे पृथ्वी की ओर आते हैं) की उत्पत्ति, विकास और गति, सौर हवाएं और अंतरिक्ष के मौसम को प्रभावित करने वाले कारकों का अध्ययन करेगा।

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