हिंडनबर्ग रिपोर्ट रिपोर्ट ने पिछले बुधवार अडानी ग्रुप पर स्टाक हेरफेर और धोकाधडी का आरोप लगाया था। रिपोर्ट के रिलीज होते ही अडानी दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में पहले स्थान से सातवें नंबर पर खिसक गए थे। अब खबर सामने आ रही है कि गौतम अडानी टाप 10 अरबपतियों की लिस्ट से भी बाहर हो चुके हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी सोमवार को सबसे अमीर व्यक्तयों की सूची में ग्यारवें नंबर पर खिसक गए हैं।
सोमवार को अडानी को 8.21 बिलियन डालर का नुकसान हुआ, जिसकी वजह से वे 11वें स्थान पर आ गए। मैक्सिकन अरबपति कार्लोस स्लिम ने शीर्ष दस की सूची में गौतम अडानी का स्थान लिया है। बिजनेस मैग्नेट के नाम से मशहूर कार्लोस स्लिम की संपत्ति 85.7 बिलियन डॉलर है, जो गौतम अडानी की कुल संपत्ति से 1.3 बिलियन डॉलर अधिक है।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने बिजनेस की दुनिया में हलचल मचा दी है। इसके बाद से अडानी के शेयरों में भारी गिरावट शुरू हुई। अडानी समूह की सात सूचीबद्ध कंपनियों में से चार में मंगलवार को गिरावट दर्ज की गई, जिसमें अडानी टोटल गैस, अडानी पावर और अडानी विल्मर और अडानी ग्रीन एनर्जी के लोअर सर्किट लगे।रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी की कुल संपत्ति में लाखों डॉलर का नुकसान हुआ। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स लिस्ट के अनुसार गौतम अडानी की कुल संपत्ति बुधवार को 6 बिलियन डॉलर और शुक्रवार को 20.8 बिलियन डॉलर घटी और अब यह 84.4 बिलियन डॉलर हो गई है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आने से पहले गौतम अडानी की संपत्ति 121 बिलियन डॉलर थी।
हालांकि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर अडानी समूह ने कहा था, “यह केवल किसी विशिष्ट कंपनी पर एक अवांछित हमला नहीं है, बल्कि एक सोची समझी साजिश है। यह भारत, भारतीय संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता और भारत की विकास की कहानी और महत्वाकांक्षा पर हमला है।” हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप की विश्वसनीयता पर कईं सवाल उठा दिए हैं।
रिपोर्ट के रिलीज होते ही अडानी ग्रुप के स्टाँक्स लगातार गिरते जा रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या वाकई अडानी ग्रुप के काम करने के तरीके में गडबड है..अगर ऐसा है तो बिजनेस की दुनिया में भारतीय उद्योगपतियों की छवि औऱ स्थान में बडा बदलाव हो सकता है। इसका प्रभाव इंटरनेशनल मार्केट में भारतीयों की हावी छवि पर भी पड सकता है। साथ ही यह गौतन अडानी और अडानी ग्रुप को लेकर आम जनता के विचारों को भी प्रभावित कर सकता है।