सीएम का विधानसभा अध्यक्ष को पत्र, फर्जी नियुक्तिओं की जांच की मांग, UKSSSC के सचिव रहे संतोष बडोनी सस्पेंड
उत्तराखण्ड में चौतरफा निकल कर आ रहे भर्ती घोटालों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस क्रम में अब सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक और बड़ा कदम उठाया है। सीएम ने विधानसभा सचिवालय में नियुक्तियों पर उठ रहे सवालों को लेकर जांच की मांग की है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूर भूषण को पत्र लिखकर मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की बात कही है। नियुक्तियों में अनियमितता पाए जाने पर उन्हें रद्द करने के लिए कहा है।
पुष्कर सिंह धामी ने पत्र में लिखा है कि पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया और न्यूज चौनलों पर सचिवालय में हुई नियुक्तियों पर आरोप लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विधानसभा एक गरिमामय स्वायत्तशासी संवैधानिक संस्था है और इस संस्था की गरिमा को बनाए रखना हम सभी की सर्वाेच्च प्राथमिकता रही है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में विधान सभा अध्यक्ष को दो बिंदुओं पर विचार करने को कहा है। उन्होंने पहले बिंदु में कहा कि विधान सभा सचिवालय में की गई नियुक्तियों के संबंध में उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। अगर इसमें कोई अनियमितता पायी जाती है तो ऐसी सभी अनियमित नियुक्तियों को निरस्त किया जाए। उन्होंने दूसरे बिंदु में कहा कि विधान सभा सचिवालय में भविष्य में निष्पक्ष एवं पारदर्शी नियुक्तियों के लिए प्रावधान किया जाए।
इधर सीएम ने यूकेएसएस एससी भर्ती घोटाले में अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाई करते हुये आयोग सचिव रहे संतोष को निलंबित कर दिया है। गुरुवार देर रात सचिवालय प्रशासन प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन ने इस संबंध में आदेश जारी किया। सरकार ने बडोनी को आयोग में सचिव पद पर रहते हुए दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही एवं उदासीनता बरतने का दोषी करार देते हुए निलंबित किया है। शासनादेश में कहा गया कि बडोनी अपने पदीय दायित्व का पर्यवेक्षण उचित तरीके से नहीं कर सके। उनके कार्यकाल में आयोग की परीक्षाओं में विभिन्न प्रकार की गड़बड़ी प्रकाश में आईं हैं।
अब देखना है कि विधानसभा में भर्ती नियुक्ति की जांच के संबंध में सीएम के पत्र के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी क्या कदम उठाती हैं। बताया जा रहा है कि इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष पहले की जांच करवाने का मन बना चुकी थीं अब सीएम के पत्र के बाद किसी भी वक्त वो जांच के आदेश दे सकती हैं।