Parliament Monsoon Session: 14 सितंबर से मानसून सत्र में कोरोना के चलते संसद की कार्यवाही में बदलाव, नहीं होगा प्रश्नकाल
14 सितंबर से 18 दिन चलने वाले संसद सत्र के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही में जरूरी बदलाव किए गए हैं, बदलावों के अनुसार मानसून सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा लेकिन शून्य काल रहेगा। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। लोक सभा पहले दिन सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक बैठेगी। बाकी दिन दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक बैठक होगी। प्राइवेट मेंबर बिजनेस नहीं होगा। इसी तरह राज्य सभा पहले दिन यानी 14 सितंबर को दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक बैठेगी लेकिन बाकी दिन सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक ही बैठेगी। शनिवार और रविवार छुट्टी नहीं होगी।14 सितंबर से एक अक्टूबर तक कुल 18 बैठकें होंगी। बता दें कि संसद के मानसून सत्र से पहले राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सांसदों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मुद्दे पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक और केंद्रीय गृह, स्वास्थ्य तथा अनुसंधान विभागों के सचिवों संग बैठक की थी। नायडू ने इस दौरान कई मुद्दे उठाए और राज्यसभा सदस्यों की स्वास्थ्य सुरक्षा तथा निर्बाध यात्रा को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था। वहीं सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वाम ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने मांग की है कि प्रश्नकाल और प्राइवेट मेंबर बिजनेस निलंबन करना गलत है। इसे तत्काल बहाल किया जाना चाहिए।
वहीं सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वाम ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने मांग की है कि प्रश्नकाल और प्राइवेट मेंबर बिजनेस निलंबन करना गलत है। इसे तत्काल बहाल किया जाना चाहिए।
दोनों सदन की अलग-अलग बैठक का फैसला
कोविड-19 दिशा-निर्देशों के तहत दोनों सदन की अलग-अलग बैठक करने का फैसला किया गया है।अधिकारियों ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इस बार आयोजित होने वाले सत्र के लिए कई तैयारियां पहली बार की जा रही हैं जैसे कि सभी सासंदों की जांच की जाएगी और सामाजिक दूरी के नियमों के अनुपालन में लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें अलग-अलग होंगी ताकि सभी चैंबरों और गैलरी का इस्तेमाल सदस्यों के बैठने के लिए किया जा सके।