कावड़ यात्रा का होने जा रहा है आगाज, 8 राज्यों में सुरक्षा समेत दूसरे इंतजाम चाक चौबंद
4 जुलाई से भगवान शिव के सबसे प्रिय माह सावन की शुरुआत हो रही है। खरमास होने की वजह से इस बार सावन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार लगभग 2 महीने का होगा। इस दौरान उत्तराखंड के हरिद्वार और ऋषिकेश में शिव भक्तों का तांता लग जाता है। सावन महीने के दौरान राज्य में कारोड़ों की संख्या में शिवभक्त उत्तराखंड के हरिद्वार पहुंचते हैं और यहां से जल ले जाकर शिवालयों में अर्पित करते हैं।
चलिये अब आपको बताते हैं कि इस बार कावड़ को लेकर राज्य सरकार की क्या तैयारी है और वो कौन से नियम हैं जिनका पालन करना बेहद जरूरी है ऐसा नहीं करने पर कावड़ की हरिद्वार में एंट्री नहीं हो पाएगी।
पहला और सबसे अहम नियम है कि इस बार कावड़ यात्रा के दौरान सभी को अपने पास अपना पहचान पत्र रखना होगा।
इस बार बिना परमिट और जुगाड़ से बनाए गए अवैध वाहन भी राज्य में एंट्री नहीं कर पाएंगे। इसके लिए उत्तराखंड परिवहन विभाग ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश को पत्र लिखा है।
जगह जगह कावड़ यात्री सीसीटीवी कैमरों की नजर में होंगे लिहाजा किसी भी तरह के हुड़दंग से बचना जरूरी है।
डीजे पर पाबंदी नहीं है लेकिन डीजे की आवाज नियंत्रित होनी चाहिए।
इस बार कावड़ की उंचाई 12 फीट से अधिक नहीं होगी।
कावड़ के दौरान जो शरारती तत्व हाथ में हॉकी, लाठी, डंडे आदि लेकर चलते हैं उन्हें इस बार यात्रा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा।
कुल मिलाकर भगवान शिव की पावन यात्रा है और उत्तराखंड में हर कावड़िये का दिल खोलकर स्वागत किया जाएगा, यूपी और उत्तराखंड सरकार कावड़ियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी करेगी।