Friday, April 26, 2024
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उत्तराखण्ड कांग्रेस में उठा बवंडर, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी को किसने बताया भाजपा एजेंट

देहरादून – उत्तराखण्ड कांग्रेस में चल रही अंतर्कलह आखिरकार खुलकर सामने आ ही गई। पूर्व सीएम और कांग्रेस चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने सोशल मीडिया में ऐसा बयान जारी किया कि दिल्ली से लेकर देहरादून तक कांग्रेस को हिला कर रख दिया। रावत ने सोशल मीडिया पर अपनी ही पार्टी पर सहयोग ना करने आरोप लगाया। और लिखा कि “मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है!” हरीश रावत ने कहा कि उनका संगठन नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। आपको बता दें कि हरीश रावत चेहरा घोषित करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन अभी तक कांग्रेस हाई कमान ने उन्हें सीएम चेहरा घोषित नहीं किया है। इसके बदले पार्टी नेतृत्व लगातार सामुहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कहता आया। इस बीच खबरें आईं कि हरीश रावत और उत्तराखण्ड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव के बीच कई मसलों पर गतिरोध बना हुआ है। हरीश रावत सीएम चेहरा न बनाये जाने से नाराज चल रहे थे और आखिरकार उन्होंने अपना दर्द सोशल मीडिया पर छलका ही दिया।
हरीश रावत ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर ये लिखा
हरीश रावत लिखा “है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है! फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है “न दैन्यं न पलायनम्ष् बड़ी ऊहापोह की स्थिति में हूंए नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे !”

पीसीसी के मीडिया सलाहकार के बयान ने खड़ा किया तूफान
हरीश रावत ने प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव पर इशारों में निशाना साधा तो कांग्रेस के मीडिया सलाहकार सुरेन्द्र अग्रवाल ने ऐसा बयान दिया कि कांग्रेस में बवंडर खड़ा हो गया। अग्रवाल ने प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव को भाजपा का एजेंट बता दिया। कहा कि ऐसा लगता है कई ताकतें आपस में मिलकर उत्तराखण्ड में कांग्रेस को कमजोर करना चाहती हैं।

 

 

 

 

 

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