16 जनवरी से देशव्यापी कोरोना वैक्सीनेशन मे क्या है पहली 5 चुनौतियाँ
भारत 16 जनवरी से देशव्यापी कोरोना वैक्सीनेशन का काम शुरू करने जा रहा है. ऐसे में इतने बड़े देश में ये अभियान किसी महाचुनौती से कम नहीं है. वैक्सीन के दाम से लेकर गांव-गांव इसे पहुंचाने तक के मोर्चे पर कई तरह की मुश्किलें सामने हैं, जिन्हें पार पाना होगा –
एक साल से कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ा रहा देश अब एक नए मिशन के लिए तैयार है. 16 जनवरी से भारत में कोरोना वैक्सीनेशन का काम शुरू होना है, पूरी दुनिया की निगाहें हिंदुस्तान पर हैं. क्योंकि आबादी के लिहाज से ये मिशन काफी चुनौतीपूर्ण होने वाला है. लंबे वक्त से तैयारियां की जा रही हैं, ड्राई रन भी करवाए गए हैं लेकिन अब बारी असली परीक्षा की है. ऐसे में देश के सामने किस तरह की चुनौतियां आने वाली हैं, उनपर एक नज़र डालिए…
1. भारत के लिए वैक्सीनेशन का अभियान कोई नया नहीं है, देश में हर साल करोड़ों बच्चों को वैक्सीन/टीका लगाया जाता है. हालांकि, इतने बड़े स्तर पर वयस्कों को ये टीका लगाना आसान नहीं होगा, वो भी कम समय के भीतर ही.
2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वॉरियर्स, फ्रंटलाइन वर्कर जिनकी संख्या 3 करोड़ है, उन्हें मुफ्त में वैक्सीन देने की बात कही. लेकिन उनके बाद 27 करोड़ वो लोग जिनकी उम्र अधिक है और वैक्सीन लगनी है, उसका खर्च का वहन करेगा. या अन्य देशवासियों को किस हिसाब से ये वैक्सीन दी जाएगी, अभी इसका निर्णय भी होना बाकी है.
3. SBI की रिसर्च का मानना है कि 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगने में अगस्त तक का वक्त जा सकता है. यानी शुरुआती फेज़ में ही इतना वक्त लग रहा है, ऐसे में पूरे देश के लोगों को वैक्सीन के लिए लंबा इंतजार करना होगा.
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