जानिए क्या है उत्तराखंड की बड़ी खबरें – उत्तराखंड रैबार में
दून के पल्टन बाजार में बिना मास्क दिखे तो ज़बरदस्ती कराएँगे ये काम
अगर आप बिना मास्क लापरवाही में घर से बाजार निकलने की सोच रहे हैं तो सम्हल जाइये ….. क्यूंकि डीएम के निर्देश पर उपजिलाधिकारी गोपाल राम बेनीवाल ने सख्त कार्यवाही शुरू कर दी है। त्योहारी सीजन के पीक टाइम में दून के बाजार में भीड़ बढ़ गई है। खासकर पलटन बाजार में ख़रीददारी करने वालों की संख्या सबसे अधिक दिखाई दे रही है। जिला प्रशासन के सामने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिहाज से यह स्थिति किसी चुनौती से कम नहीं। ऐसे में प्रशासन ने तय किया है कि दीपावली पर पलटन बाजार में अभियान चलाकर मास्क न पहनने वाले व्यक्तियों की कोरोना जांच कराई जाएगी। साथ ही 200 रुपये का चालान काटकर मास्क भी दिया जाएगा। उपजिलाधिकारी सदर गोपाल राम बिनवाल ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर पलटन बाजार में अभियान शुरू किया है ऐसे में जो भी व्यक्ति शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, उन पर भी कार्रवाई की जा रही है । उधर, जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने पुलिस को फेस्टिवल के दौरान निर्देश दिए हैं कि सड़क पर गलत तरीके से पार्किंग करने वालों पर कार्रवाई तेज की जाए, ताकि त्योहारी सीजन में लगने वाले जाम की समस्या को कम किया जा सके।
उत्तराखंड में रात 8 से 10 बजे तक ही बजेंगे ग्रीन पटाखे
उत्तराखंड में दीपावली, गुरु पर्व और छठ के मौके पर पटाखों का सीमित इस्तेमाल ही किया जा सकेगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का भी पूरा पालन किया जाएगा …… चार जिलों के छह शहरों देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी, रुद्रपुर एवं काशीपुर में केवल ग्रीन क्रेकर्स की बिक्री होगी और ख़ास बात ये है कि पटाखे केवल रात में केवल दो घंटे ही जलाए जा सकेंगे। एनजीटी ने वायु प्रदूषण और कोविड-19 के लिहाज़ से कम वायु प्रदूषण वाले पटाखों के बेचने और जलाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं जो प्रदेश के चार जिलों हरिद्वार, देहरादून, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल के लिए हैं।सरकार ने इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव ओमप्रकाश दफ्तर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश के मुताबिक सभी छह नगरों की सीमामें केवल ग्रीन क्रेकर्स ही रात्रि आठ से दस बजे तक जलाए जा सकेंगे। छठ पूजा पर सुबह छह बजे से आठ बजे तक पटाखों के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है। इसलिए आप भी नियम मुताबिक ही दीपावली के पर्व को मनाएं
बेरोज़गारी ख़त्म करने के लिए उत्तराखंड में बनेगा युवा आयोग
प्रदेश में अभी महिला कल्याण, बाल संरक्षण एवं कल्याण व किसान कल्याण जैसे आयोग बनाए गए हैं….. ये आयोग अलग अलग संबंधित क्षेत्रों के व्यक्तियों के उत्थान के लिए योजनाओं पर काम करते हैं और समय-समय पर अपने सुझाव भी सरकार को भेजते हैं। उत्तराखंड में ऐसे युवाओं की संख्या काफी अधिक है जिनकी भूमिका आने वाले चुनाव में निर्णायक हो सकती है उत्तराखंड में 18 से 39 वर्ष तक के युवा वर्ग का हिस्सा 55 फीसदी से ज्यादा है। यानी, युवा तबका उत्तराखंड में आज एक बड़े वोट बैंक की भूमिका में है। बीते कुछ महीनों में कोरोनाकाल में भी बड़ी संख्या में युवा दूसरे राज्यों व जिलों से वापस अपने घरों को लौटे हैं। उत्तराखंड में इन्ही युवाओं को कौशल विकास के साथ ही रोजगार से जोड़ने के लिए अब जल्द ही प्रदेश में युवा आयोग का गठन होने जा रहा है। खबर है कि युवा कल्याण विभाग इसकी नीति का खाका तैयार कर रहा है, जिसे जल्द ही अंतिम रूप देकर कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। इस फैसले को इस लिहाज़ से भी अहम् माना जा रहा है क्यूंकि उत्तराखंड में ठीक डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं।
उत्तराखंड में जनवरी से स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 शुरू होगा
उत्तराखंड में इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण जनवरी से मार्च तक चलेगा। जिसके लिए सरकार ने अपनी तैयारियां तेज कर दी गई हैं। शहरी विकास सचिव शैलेश बगोली ने प्रदेशभर के लिए नोडल अधिकारियों का चयन कर लिया है। अप्रैल में इसके नतीजे जारी किए जाएंगे। सरकार की कोशिश है कि नए साल पर होने वाले सर्वेक्षण में हर शहर की भागीदारी तय हो इसके लिए सभी निगम, पालिका को निर्देशित कर दिया गया है। नोडल अधिकारियों का चयन कर लिया गया है। पिछले वर्षों की कमियों को दूर करते हुए इस बार आगे कदम बढ़ाने की कवायद की जा रही है। घर-घर कूड़ा कलेक्शन से लेकर सभी पहलुओं पर जोर दिया जा रहा है। आपको बता दें कि उत्तराखंड को 2020 में तीन राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल हुए थे …. घोषित पुरस्कारों में उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट में तीसरा स्थान मिला था। वहीं, एक लाख से कम आबादी वाले निकायों की श्रेणी में नगर पंचायत नंद प्रयाग ने सिटीजन फीड बैक श्रेणी में देश में पहला और अल्मोड़ा कैंट बोर्ड ने तीसरा पुरस्कार प्राप्त किया था।
पेयजल मंत्री रहे मंत्री प्रसाद नैथानी का त्रिवेंद्र सरकार पर फूटा गुस्सा
कांग्रेस के हरदा शासनकाल में शिक्षा और पेयजल मंत्री रहे मंत्री प्रसाद नैथानी का गुस्सा आज उस वक़्त फूट पड़ा जब वो कीर्तिनगर विकास खंड के बड़ोंन पहुंचे …. यहाँ उन्होंने जमकर त्रिवेंद्र सरकार को खरी खोटी सुनाई और स्थानीय जनता के सामने बताया कि टिहरी गढ़वाल के 104 गाँव के बीस हज़ार ग्रामीणों तक पीने के पानी की सुविधा देने के लिए उन्होंने अपनी सरकार में पचास करोड़ की पेयजल योजना पहुंचाई थी लेकिंन आज मौजूदा त्रिवेंद्र सरकार लगभग चार साल के शासन काल में भी उस योजना को लागू नहीं कर पायी है जिससे यहाँ के हज़ारों ग्रामीणों में गुस्सा है … जबकि हरीश रावत सरकार में पेयजल मंत्री रहे मंत्री प्रसाद नैथानी ने अपने कार्यकाल में यहाँ पचास करोड़ की पेयजल योजना मंजूर की थी
पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय प्रकाश पंत को सीएम त्रिवेंद्र ने किया याद
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज स्वर्गीय प्रकाश पंत की जयंती के अवसर पर उनकी स्मृति में दीनदयाल उपाध्याय समिति के हवन एवं यज्ञ कार्यक्रम में शिरकत की …. मुख्यमंत्री रावत ने स्वर्गीय प्रकाश पंत को याद करते हुए कहा की बेहद ही शांत, सौम्य और सरल स्वभाव के धनी उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. प्रकाश पंत जी ने प्रदेश के गठन और फिर उसे नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्व. प्रकाश पंत को याद करते हुए कहा कि सबको साथ लेकर चलने की कुशलता, वित्तीय मामलों का बेहतर ज्ञान, विपक्ष के हर तीखे वार का मीठी मुस्कान से जवाब देना, उनके व्यक्तित्व की विशेषताएं थीं। आज जब पंत जी की जन्मजयंती है ऐसे में पूरा प्रदेश और भारतीय जनता पार्टी उनके योगदान को याद कर रही है
कोरोना के बचाव पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सीएम रावत से लिया फीडबैक
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज मुख्यमंत्री आवास में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारा कोविड-19 के सम्बन्ध में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से ली गयी बैठक में कोविड 19 के रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों से की जानकारी दी । उन्होंने कहा कि त्योहार के सीजन को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए प्रचार प्रसार पर विशेष ज़ोर दिया जा रहा है …. केंद्रीय मंत्री को मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में कोविड के बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में डेडीकेटेड अस्पताल हैं। इसके साथ ही अस्पताल में वेंटीलेटर, आईसीयू बेड एवं ऑक्सीजन सप्लाई भी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सैंपल टेस्टिंग की 10 लैब कार्यरत है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने बताया कि बिना मास्क के लिए एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने के लिए लगातार चालान भी काटे जा रहे हैं। इसके साथ ही, जिनका मास्क न पहनने पर चालान काटा जा रहा है, उन्हें मास्क भी उपलब्ध कराये जा रहे ताकि लोग मास्क के प्रति जागरूक हो सकें। इस संबंध में जन जागरूकता के लिये भी प्रयास किये जा रहे हैं।