उत्तराखंड को नये डीजीपी की तलाश शुरू, 30 नवंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं वर्तमान डीजीपी आशोक कुमार
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार 30 नवंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं। उससे पहले उत्तराखंड में डीजीपी के नाम का चुनाव करना है, इसके लिए सरकार ने तीन नाम का पैनल यूपीएससी को भेजा है. इनमें आईपीएस अभिनव कुमार, एडीजी दीपम सेट और एडीजी पीवी के प्रसाद का नाम सबसे उपर है। उत्तराखंड के 12वें डीजीपी के लिए राज्य सरकार ने अपनी ओर से इन तीन नाम का पैनल यूपीएससी चेयरमैन की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में भेज दिया है. जिसमें एक नाम चुनकर उत्तराखंड सरकार को भेजा जाएगा और इनमें से ही कोई अगला डीजीपी उत्तराखंड हो सकता है।
डीजीपी बनने के लिए आईपीएस की 30 वर्ष की पुलिस सेवा होनी चाहिए, मगर उत्तराखंड में फिलहाल ऐसा कोई भी आईपीएस मौजूद नहीं है, जिसकी 30 वर्ष की पुलिस सेवा पूरी हो और जिनकी पुलिस सेवा 30 वर्ष की पूरी कर ली है वो उत्तराखंड में वापस आना नहीं चाहते।
फिलहाल इस प्रकार की स्थिति न केवल उत्तराखंड बल्कि देश के अन्य राज्यों में बनी हुई है. ऐसे में पिछले दिनों यूपीएससी ने इन नियमों में बदलाव करते हुए अब इस नियम को 25 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके आईपीएस जो एडीजी रैंक पर हो उनका भी नाम इस पैनल में शामिल किया जा सकता है, इस प्रकार के बदलाव यूपीएससी ने पिछले दिनों किए हैं. जिससे अब उत्तराखंड के एडीजी रैंक के अधिकारी भी उत्तराखंड के डीजीपी बन सकते हैं.
ऐसे में उत्तराखंड के सात एडीजी हैं, इनमें से वरिष्ठ एडीजी दीपम सेट 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. दूसरे नंबर पर 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी एडीजी पीवीके प्रसाद और तीसरे नंबर पर 1996 बैच के अधिकारी अभिनव कुमार हैं. इनके बाद नाम आता है संजय गुंज्याल, अमित सिंह, मुरुगेशन और अंशुमन जो 25 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हैं. इनमें से तीन वरिष्ठ आईपीएस दीपम सेठ पीवीके प्रसाद और अभिनव कुमार का नाम डीजीपी उत्तराखंड बनाए जाने के लिए पैनल में भेजा गया है।