देहरादून में पहले अन्तर्राष्ट्रीय सेब महोत्सव की शुरूआत, उत्तराखंड के सेब को राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय पहचान देना है उद्देश्य
देहरादून- राज्य का पहला अंतरराष्ट्रीय सेब महोत्सव आज से शुरू हो गया है। राजधानी देहरादून के रैंजर्स ग्राउंड में आयोजित इस महोत्सव में उत्तराखण्ड समेत हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में पैदा होने वाली सेबों की अगल-अलग किस्मों को प्रदर्शित किया गया है।
जिसमें उत्तराखण्ड के चमोली, उत्तरकाशी, चकराता, नैनीताल, मुक्तेश्वर, पिथौरागढ़ में पैदा होने वाली सेब की करीब 30 प्रजातियों को प्रदर्शित किया गया है।
जबकि हिमाचल और कश्मीर होने वाले सेबों की भी विभिन्न प्रजातियों शामिल की गई हैं। सेब महोत्सव में सेबों की किस्मों को देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। उद्यान विभाग के अंतर्गत आयोजित हो रहे सेब महोत्सव का उद्देश्य है कि उत्तराखण्ड के सेब को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके। उद्यान विभाग के मुताबिक इस बार राज्य के सेब के काश्तकारों को पैकेजिंग के लिये उत्तराखण्ड में बनी पेटियां मुहैया कराई गई हैं।
इससे पहले तक हिमालच में बनी पेटियों का इस्तेमाल होता था। यानी पेटियों के बाहर नाम हिमाचल का और भीतर सेब उत्तराखण्ड का होता था। इससे उत्तराखण्ड के सेब को पहचान नहीं मिल पा रही थी। सेब महोत्सव में अपने सेब प्रदर्शित करने आये नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर निवासी देवेन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया कि उन्होंने विदेश प्रजाति के सेब का बगीचा तैयार किया है। जिसमें 16 महीने के भीतर उन्होंने 4 लाख से अधिक की आय की है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सेब महोत्सव में हिस्सा लेकर औपचारिक रूप से महोत्सव का शुभारंभ करेंगे।