Thursday, May 2, 2024
उत्तराखंडउधम सिंह नगर

उत्तराखंड का वीर मणिपुर में शहीद, 12 जुलाई को उल्फा उग्रवादियों ने किया था अपहरण

-आकांक्षा थापा

उत्तराखंड एक बार फिर शोक में डूबा है। आज एक बार फिर पहाड़ के एक जांबाज ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। ऊधमसिंहनगर जिले के खटीमा निवासी शहीद हवलदार हयात सिंह को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। बुधवार को बनबसा शारदा घाट पर उनकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार किया गया। 48 साल के हवलदार हयात सिंह महर का 12 जुलाई को मणिपुर में उल्फा उग्रवादियों ने अपहरण कर लिया था। जिसके बाद 16 जुलाई को उनका क्षत-विक्षत शव मिला। मणिपुर के दीमापुर में उन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया। आपको बता दें, हवलदार हयात सिंह महर 31 आसाम राइफल्स में तैनात थे। वहीं बनबसा 8 जैकलाई रेजीमेंट के जवानों ने शहीद हयात सिंह के घर पहुंच अंतिम सलामी दी।

आपको बता दें, इन दिनों हवलदार हयात सिंह मणिपुर मे तैनात थे। फ़ौज में उनकी भर्ती 1992 में हुई थी। मूलरूप से पिथौरागढ़ के रहने वाले हयात सिंह का परिवार झनकट की डिफेंस कॉलोनी में रहता है। वहीँ, 31 आसाम राइफल्स के सूबेदार पूरन सिंह ने जानकारी दी कि शहीद हयात सिंह महर का उल्फा उग्रवादियों ने 12 जुलाई को अपहरण कर लिया था और 16 जुलाई को उनका पार्थिव शरीर मिला था। बुधवार तड़के शहीद का पार्थिव शरीर लेकर रेजीमेंट के दो अधिकारी उनके निवास स्थान पहुंचे। जहां शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। यही नहीं, नानकमत्ता विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा समेत अन्य लोगों ने भी उनके आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। बाद में सेना के जवान शहीद का पार्थिव शरीर लेकर शारदा घाट पहुंचे, जहां सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई। उनके निधन से पूरे उधमसिंघनगर क्षेत्र में शोक की लहर है। शहीद हवलदार महर अपने पीछे पत्नी चंद्रा महर, पुत्री रेखा  व पुत्र अमित सिंह महर को रोता बिलखता छोड़ गए हैं। शहीद की पुत्री रेखा बीएससी व पुत्र अमित बीटेक की पढ़ाई कर रहे है।

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