उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने माजरी ग्रांट डोईवाला, देहरादून में एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना का शुभारंभ किया। योजना का शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कृषि मंत्री सुबोध उनियाल को बधाई देते हुए कहा कि कृषि मंत्री रहते हुए सुबोध उनियाल जी ने नये-नये काॅन्सेप्ट पर काम किया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई कार्य लगन से किया जाए तो निश्चित रूप से सफलता मिलती है। एकीकृत आदर्श ग्राम योजना एक ऐसा काॅन्सेप्ट है, जो मील का पत्थर साबित होगा। एफपीओ को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता की आवश्यकता है। जब सभी किसान भाई जागरूक होंगे तो कृषि उत्पादन में सुधार के साथ ही किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्वतीय क्षेत्र में सिंचाई के साथ ही मशीनीकरण पर फोकस करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैविक खेती उत्तराखण्ड की विशेषता है, जिसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वैल्यू एडीशन एवं ब्रांड की आवश्यकता है। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए एक अम्ब्रेला ब्राण्ड शीघ्र ही शुरू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूर्यधार झील निर्माण के बाद 29 गावों को सिंचाई एवं पेयजल के लिए गुरूत्व आधारित पानी मिल सकेगा। इसके साथ ही सिंचाई एवं पेयजल की व्यवस्था के लिए जमरानी एवं सौंग बाँध की बाधाओं को शीघ्र ही निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल संभरण एवं संरक्षण, मानव वन्यजीव संघर्ष आदि को रोकने के लिए 10 हजार लोगों को काम पर लगाया जाएगा।
इससे एक ओर लोगों को रोजगार प्राप्त होगा वहीं दूसरी ओर प्रकृति का संरक्षण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही प्रदेश में चार बंदर बाडों को शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए पहले 2 लाख तक का ब्याजमुक्त ऋण दिया जा रहा था जिसे अब बढ़ाकर 3 लाख रूपए किया जा रहा है।