Thursday, November 14, 2024
उत्तराखंडकोविड 19

कोरोना कर्फ्यू में फिलहाल ढील देने के पक्ष में नहीं है उत्तराखण्ड सरकार

देहरादून- क्या उत्तराखण्ड में 1 जून से सरकार बाजार खोलने की छूट देने जा रही है? यह सवाल हर किसी के दिमाग में घूम रहा है। लेकिन सूत्रों की मानें तो ऐसा फिलहाल होता नहीं दिख रहा। राज्य में भलेही कोरोना संक्रमण की दर में कुछ गिरावट आई है लेकिन एक्टिव केस और मरने वालों का आंकड़ा अभी भी चिंता का सबब बना हुआ है। ऐसे में सरकार फिलहाल कोरोना कर्फ्यू में ढील देने के पक्ष में कतई नहीं है। हालांकि व्यापारिक वर्ग ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से अपील करते हुये कहा है कि सरकार को 1 जून से नई एसओपी के साथ बाजार खोलने की इजाजत देनी चाहिए।

सरकार केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कोविड-19 के मौजूदा दिशा-निर्देशों के 30 जून तक यथावत रहने संबंधी पत्र का हवाला देकर कोरोना कर्फ्यू आगे जारी रख सकती है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर सूचित किया है कि कोविड-19 को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जो दिशा निर्देश 25 अप्रैल को जारी किए गए थे, अब यह आदेश 30 जून 2021 तक प्रभावी रहेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि राज्यों में कंटेनमेंट जोन की सीमा तय करने का अधिकार राज्यों का होगा।

साथ ही मंत्रालय ने मुख्य सचिवों से यह भी कहा है कि यदि राज्य सरकार अपने इलाकों में किसी तरह की कोई छूट दे रही है, तो उन्हें बहुत सोच समझ कर लागू करें और इन छूटों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाए। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की तरफ से राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा गया है कि पिछले दिनों यह देखा गया है कि कोरोना के मामलों में कमी आई है। लेकिन अभी भी सख्त निगरानी की बेहद आवश्यकता है। क्योंकि एक्टिव केसों की संख्या अभी भी ज्यादा है। गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन राज्यों के इलाकों में पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा है और अस्पतालों में 60 फीसदी से ज्यादा बेड भरे हुए हैं उन इलाकों को संवेदनशील घोषित किया जाए।

उत्तराखण्ड की बात करें तो राज्य में पहले के मुकाबले कोरोना संक्रमण का ग्राफ कुछ कम हुआ है लेकिन कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा डराने वाला है। ब्लैक फंगस का कहर अलग से परेशान कर रहा है। राज्य में कोरोना एक्टिव केस भी बने हुये हैं। ऐसे में सरकार इस बात का जोखिम कतई नहीं लेना चाहती कि इधर बाजार खोल दिये जाएं और हालात फिर बिगड़ जाए तो लेने के देने पड़ जाएंगे। लिहाजा सूत्रों का कहना है कि उत्तराखण्ड सरकार फिलहाल कोरोना कर्फ्यू में छूट नहीं देने जा रही। कोरोना कर्फ्यू को लेकर जो दिशा-निर्देश इस वक्त राज्य में लागू किये गये हैं उन्हें आगे जारी रखना ही एकमात्र विकल्प है। फिलहाल उत्तराखण्ड में 1 जून तक कोरोना कर्फ्यू लागू है।

 

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