धधक रहे हैं उत्तराखंड के जंगल, वनाग्नि ले रही विकराल रूप
-आकांक्षा थापा
बारिश-बर्फबारी न होने के कारण पिछले छह माह से उत्तराखंड के जंगल धधक रहे हैं। अब पारे के उछाल भरने के साथ ही जंगल की आग के गांवों के नजदीक पहुंचने की घटनाएं चिंता में डाल रही है। इस तरह से लग रही आग रोजाना ही जंगलों को क्षति पहुंच रही है। इस कठिन वक्त में जंगल बचाने को सामूहिक प्रयासों की दरकार है। हालांकि, संसाधनों की कमी से जूझ रहा वन विभाग जनसहभागिता की बात तो करता है, मगर लम्बे समय से इस मोर्चे पर वह विफल रहा है। अब वक्त आ गया है कि जंगल बचाने के लिए आमजन को अग्नि प्रबंधन से जोड़ा जाए। इसके लिए ग्रामीणों को प्रशिक्षण देकर वन बचाने में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है। जब सवाल वनों, वन्यजीवों और जैवविविधता को बचाने का हो, तो ऐसे में आमजन को पीछे नहीं हटना चाहिए …..
वहीँ उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने आम जन से अपील करते हुए एक वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया है ….