Thursday, November 7, 2024
उत्तराखंडमौसम

उत्तराखंड में डॉप्लर वेदर रडार देगा प्राकृतिक आपदा की सटीक जानकारी

उत्तराखंड राज्य में 2013 में आई आपदा के बाद उत्तराखण्ड में डॉप्लर वेदर रडार लगाए जाने की माँग की थी। डाप्लर रडार लगाए जाने की माँग की वजह थी मौसम विभाग। 16 जून 2013 को आई प्राकृतिक आपदा के बारे में सटीक जानकारी ना देने में कारण मौसम विभाग असफल रहा। आपको बता दें कि उत्तराखंड मौसम विभाग को बादलों के निर्माण से सम्बन्धित सूचना के लिये दिल्ली और पटियाला पर निर्भर रहना पड़ता है। इन केन्द्रों से मिली सूचना के आधार पर ही यहाँ बारिश से सम्बन्धित अलर्ट जारी किये जाते हैं। इसका सबसे बड़ा नेगेटिव पॉइंट् यह है कि इन केन्द्रों की सूचनाएँ पूरे उत्तराखण्ड को कवर नहीं कर पाती हैं।ज्यादा बारिश, आँधी, बर्फबारी आदि से प्रभावित उत्तराखण्ड में मौसम सम्बन्धी सही तरीके से सूचना प्रसारित नहीं कर पाता। ऐसे में उत्तराखंड में डाप्लर रडार बेहद जरूरी है। उत्तराखंड सरकार ने इसी को ध्यान में रखते हुए सामरिक और पर्यटन के लिहाज से महत्वूर्ण लैंसडाउन में डाप्लर राडार लगाने के लिए 44 लाख रुपये मंजूर कर दिए हैं। डाप्लर रडार के अलावा राज्य के आपदा के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों में पुलों ओर सड़कों की मरम्मत के लिए भी लोनिवि को 25 करोड़ रुपये का बजट आवंटित कर दिया गया है। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य मे विभिन्न कार्यों के लिए 58 करेाड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस राशि से आपदा प्रबंधन कार्य को और प्रभावी बनाया जा सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *