कांग्रेस सत्ता में वापसी करती है तो उत्तराखण्ड की स्थाई राजधानी गैरसैंण को बनाया जाएगा। जी हां यह दावा किया है पूर्व सीएम और कांग्रेस चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने। हरीश रावत की मानें तो 2025 तक उत्तराखण्ड को स्थाई राजधानी मिल जाएगी और स्थाई राजधानी होगी गैरसैंण। हरीश रावत के मुताबिक अगर 2022 में कांग्रेस सत्ता में वापसी करती है तो उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से गैरसैंण शिफ्ट कर दी जाएगी। उन्होंने दावा कि सरकार बनने के बाद तीन साल तक गैरसैंण में पूरा इंफ्रास्ट्रैक्चर खड़ा किया जाएगा और तीन साल बाद राजधानी गैरसैंण पहुंचा दी जाएगी। हरीश रावत ने कहा कि गैरसैंण में अब तक जो भी निर्माण हुये वे क्या म्यूजियम बनाने के लिये हैं?
पूर्व सीएम हरीश रावत के इस एलान के बाद सूबे की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र के वादे के मुताबिक गैरसैंण को कागजों में ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित तो कर दिया मगर पूरी मशीनरी अभी भी देहरादून में ही जमी हुई है। ऐसे में हरीश रावत ने जब गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की बात कही तो सत्ताधारी भाजपा सकते में आ गई। कांग्रेस के इस वादे के बाद भाजपा इसकी काट खोजने में जुट गई है। बीजेपी का कहना है कि यह हरीश रावत का कौरा वादा है जबकि भाजपा तो अपने वादे को पहले ही निभा चुकी है। बीजेपी सरकार ने पहले ही गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया है। बीजेपी के मुताबिक कांग्रेस चुनावी माहौल में जनता को बरगालाने का काम कर रही है।
उत्तराखण्ड को अलग राज्य बने 21 साल पूरे हो चुके हैं और आज भी राज्य की स्थाई राजधानी नहीं बन पाई है। राजधानी का मुद्दा हर चुनाव में गरमाया जाता है उसके बाद कुछ दिन का सत्र गैरसैंण में आयोजित कर सरकार वापस देहरादू में ही डट जाती है। अब जबकि कांग्रेस द्वारा गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने वादा किया गया है तो देखना होगा की राजधानी के मसले पर अभी और क्या कुछ देखने को मिलता है।